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फिनटेक पार्क के कारण दोल का बाग उजड़ने की आशंका, लोगों ने शुरू की वन क्षेत्र बचाने की मुहिम - फिनटेक पार्क को शिफ्ट करने की मांग

जयपुर के तरु छाया नगर के पास दोल का बाग (Dole Ka Bagh) इलाके में रीको की करीब 40 हेक्टेयर जमीन पर कुदरत ने ऑक्सीजन का बैंक बना दिया है. रीको की ओर से प्रस्तावित फिनटेक (Fintech Park) पार्क के कारण इस वन क्षेत्र के उजड़ने की चिंता ने शहरवासियों को परेशान कर दिया है. ऐसे में अब आसपास के लोगों ने इस प्राकृतिक वन क्षेत्र को बचाने की मुहिम शुरू की है.

Dole Ka Bagh, Fintech Park in jaipur
दोल का बाग बचाने की मांग
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Published : Jun 24, 2021, 6:30 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के तरु छाया नगर के पास दोल का बाग इलाके में करीब 40 हेक्टेयर जमीन पर कुदरत इतनी मेहरबान है कि वहां एक घना जंगल बन गया है. जो आसपास के लोगों के लिए ऑक्सीजन बैंक (oxygen bank) से कम नहीं है. यह जमीन अभी रीको (Rico) के अधिकार में है.

अब रीको की ओर से प्रस्तावित फिनटेक पार्क (Fintech Park in jaipur) के कारण इस जंगल के उजड़ने की आशंका ने तरु छाया नगर के स्थानीय बाशिंदों के साथ ही जयपुर के पर्यावरणविदों को भी चिंतित कर दिया है. अब दोल का बाग वन बचाओ समिति के बैनर तले इकट्ठा हुए शहर के पर्यावरणविदों ने सरकार से जैव विविधता से भरपूर इस वन क्षेत्र को बचाने की गुहार लगाई है.

दोल का बाग बचाने की मांग

तरु छाया नगर के स्थानीय बाशिंदे अमित गुप्ता बताते हैं कि रीको का फिनटेक पार्क दोल का बाग वन क्षेत्र में प्रस्तावित है. करीब 40 हेक्टेयर के इस क्षेत्र में एक हजार से ज्यादा विभिन्न छायादार और फल-फूलदार पेड़ लगे हैं. इन पेड़ों पर हजारों पक्षियों का डेरा है. वन क्षेत्र में जंगली जानवरों की कई प्रजातियां भी पाई जाती हैं. अगर यहां फिनटेक पार्क बनता है तो ये सब पेड़ काटे जाएंगे और हजारों पशु-पक्षियों का अस्तित्व भी खतरे में आ जाएगा.

पढ़ें- कृषि कानूनों पर मोदी के मंत्री बड़ा बयान, कहा- किसान की 1 इंच भी जमीन चली गई तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा

उनका कहना है कि उन्हें रीको के फिनटेक पार्क से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यहां सैकड़ों साल से लगे पेड़ों को काटना उचित नहीं होगा. इसलिए वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि रीको के प्रस्तावित फिनटेक पार्क को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए.

तरु छाया नगर की रहने वाली मिताली देसाई का कहना है कि जो स्थापित इको सिस्टम है उसे नष्ट करके यदि सैकड़ों पेड़ लगाए जाए तो वे भी इसकी भरपाई नहीं कर सकते हैं. नए पेड़ लगाकर उन्हें बड़ा करने में काफी लंबा समय लगेगा. ऐसे में जो स्थापित इको सिस्टम और वन क्षेत्र है उसे बचाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

पढ़ें- पहली बार पहुंचा सरहदी गांवों में नर्मदा नहर का मीठा पानी, राजस्व मंत्री ने किया नर्मदा प्रोजेक्ट का अवलोकन

अब दोल का बाग वन बचाओ समिति की इस वन क्षेत्र को बचाने की मुहिम से जयपुर के जागरूक लोग और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ जुड़ने लगे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल वे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर दोल का बाग वन क्षेत्र को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इस मुहिम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए आगामी दिनों में वहां वन महोत्सव मनाया जाएगा.

जयपुर. राजधानी जयपुर के तरु छाया नगर के पास दोल का बाग इलाके में करीब 40 हेक्टेयर जमीन पर कुदरत इतनी मेहरबान है कि वहां एक घना जंगल बन गया है. जो आसपास के लोगों के लिए ऑक्सीजन बैंक (oxygen bank) से कम नहीं है. यह जमीन अभी रीको (Rico) के अधिकार में है.

अब रीको की ओर से प्रस्तावित फिनटेक पार्क (Fintech Park in jaipur) के कारण इस जंगल के उजड़ने की आशंका ने तरु छाया नगर के स्थानीय बाशिंदों के साथ ही जयपुर के पर्यावरणविदों को भी चिंतित कर दिया है. अब दोल का बाग वन बचाओ समिति के बैनर तले इकट्ठा हुए शहर के पर्यावरणविदों ने सरकार से जैव विविधता से भरपूर इस वन क्षेत्र को बचाने की गुहार लगाई है.

दोल का बाग बचाने की मांग

तरु छाया नगर के स्थानीय बाशिंदे अमित गुप्ता बताते हैं कि रीको का फिनटेक पार्क दोल का बाग वन क्षेत्र में प्रस्तावित है. करीब 40 हेक्टेयर के इस क्षेत्र में एक हजार से ज्यादा विभिन्न छायादार और फल-फूलदार पेड़ लगे हैं. इन पेड़ों पर हजारों पक्षियों का डेरा है. वन क्षेत्र में जंगली जानवरों की कई प्रजातियां भी पाई जाती हैं. अगर यहां फिनटेक पार्क बनता है तो ये सब पेड़ काटे जाएंगे और हजारों पशु-पक्षियों का अस्तित्व भी खतरे में आ जाएगा.

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उनका कहना है कि उन्हें रीको के फिनटेक पार्क से कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन यहां सैकड़ों साल से लगे पेड़ों को काटना उचित नहीं होगा. इसलिए वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि रीको के प्रस्तावित फिनटेक पार्क को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाए.

तरु छाया नगर की रहने वाली मिताली देसाई का कहना है कि जो स्थापित इको सिस्टम है उसे नष्ट करके यदि सैकड़ों पेड़ लगाए जाए तो वे भी इसकी भरपाई नहीं कर सकते हैं. नए पेड़ लगाकर उन्हें बड़ा करने में काफी लंबा समय लगेगा. ऐसे में जो स्थापित इको सिस्टम और वन क्षेत्र है उसे बचाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

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अब दोल का बाग वन बचाओ समिति की इस वन क्षेत्र को बचाने की मुहिम से जयपुर के जागरूक लोग और पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञ जुड़ने लगे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल वे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर दोल का बाग वन क्षेत्र को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि इस मुहिम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए आगामी दिनों में वहां वन महोत्सव मनाया जाएगा.

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