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चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से, प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश रहेगा बंद - Entry of devotees will remain closed

मां शक्ति की आराधना का चैत्र नवरात्र 13 अप्रेल से शुरू होगा लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार नवरात्र में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा.

चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से, प्राचीन शिला माता मंदिर, Chaitra Navratri from 13 April,  Ancient Shila Mata Temple
नवरात्र में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश रहेगा बंद
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Published : Apr 11, 2021, 8:02 PM IST

जयपुर. मां शक्ति की आराधना का चैत्र नवरात्र 13 अप्रेल से शुरू होने जा रहा है. मंगलवार सुबह माता के मंदिरों में घट स्थापना की जाएगी. चैत्र नवरात्र में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा. आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला नहीं लगेगा. पुजारियों की ओर से घट स्थापना के बाद पूरे 9 दिन विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी.

नवरात्र में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश रहेगा बंद

शास्त्रों के अनुसार नवरात्र स्थापना प्रातः काल में ही की जाती है. आमेर शिला माता मंदिर में 13 अप्रेल को सुबह 6:10 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की जाएगी. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे. नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा की जाएगी.

पढ़ें: भीलवाड़ा : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किये गंगाबाई मंदिर के दर्शन...कहा-राजस्थान से पुराना रिश्ता

पहली नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा होगी, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद रखा गया है. 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक नवरात्र में भरने वाला मेला और दर्शनार्थियों के लिए दर्शन बंद रहेगा. मंदिर में पूजा-पाठ, आरती और आराधना पहले की तरह सुचारू रूप से संचालित रहेगी. कोरोना को रोकने के लिए सरकार की गाइडलाइन की पालना में निर्णय लिया गया है.

पढ़ें: दशा माता पूजन में भी कोरोना का असर, मास्क लगा कर महिलाओं ने की अर्चना...सुख-शांति का मांगा आशीष

पहले नवरात्र को सुबह 6:10 बजे घट स्थापना की जाएगी. निशा पूजन 21 अप्रैल सोमवार को रात्रि 10:00 बजे होगी. 20 अप्रैल अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 22 अप्रैल दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. दर्शनार्थियों के लिए 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शिला माता मंदिर में दर्शन बंद रहेंगे. जयपुर के ब्रह्म राम मंदिर में रामनवमी के दिन विशेष हवन किया जाएगा. नवरात्रों में नवमी के दिन ब्रह्म राम मंदिर में यज्ञ किया जाएगा. दोपहर 12:30 बजे भगवान राम की आरती की जाएगी. नवरात्र के दौरान ब्रह्म राम मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा.

जयपुर. मां शक्ति की आराधना का चैत्र नवरात्र 13 अप्रेल से शुरू होने जा रहा है. मंगलवार सुबह माता के मंदिरों में घट स्थापना की जाएगी. चैत्र नवरात्र में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा. आमेर शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने से नवरात्र मेला नहीं लगेगा. पुजारियों की ओर से घट स्थापना के बाद पूरे 9 दिन विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी.

नवरात्र में प्राचीन शिला माता मंदिर में भक्तों का प्रवेश रहेगा बंद

शास्त्रों के अनुसार नवरात्र स्थापना प्रातः काल में ही की जाती है. आमेर शिला माता मंदिर में 13 अप्रेल को सुबह 6:10 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की जाएगी. रोजाना पुजारी ही शिला माता के दरबार में पूजा अर्चना करेंगे. नवरात्रों में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. माता रानी का विशेष श्रंगार कर झांकी भी सजाई जाएगी. नवरात्रों में पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रों के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा की जाएगी.

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पहली नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा होगी, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे नवरात्र को चंद्रघंटा माता, चौथे नवरात्र को कुषमांडा माता, पांचवे नवरात्रा को स्कंधमाता, छठे नवरात्र को कात्यायनी माता, सातवें नवरात्र को कालरात्रि माता, आठवें नवरात्र को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए मंदिर बंद रखा गया है. 13 अप्रैल से 21 अप्रैल तक नवरात्र में भरने वाला मेला और दर्शनार्थियों के लिए दर्शन बंद रहेगा. मंदिर में पूजा-पाठ, आरती और आराधना पहले की तरह सुचारू रूप से संचालित रहेगी. कोरोना को रोकने के लिए सरकार की गाइडलाइन की पालना में निर्णय लिया गया है.

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पहले नवरात्र को सुबह 6:10 बजे घट स्थापना की जाएगी. निशा पूजन 21 अप्रैल सोमवार को रात्रि 10:00 बजे होगी. 20 अप्रैल अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 22 अप्रैल दशमी के दिन नवरात्रा उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. दर्शनार्थियों के लिए 13 अप्रैल से 22 अप्रैल तक शिला माता मंदिर में दर्शन बंद रहेंगे. जयपुर के ब्रह्म राम मंदिर में रामनवमी के दिन विशेष हवन किया जाएगा. नवरात्रों में नवमी के दिन ब्रह्म राम मंदिर में यज्ञ किया जाएगा. दोपहर 12:30 बजे भगवान राम की आरती की जाएगी. नवरात्र के दौरान ब्रह्म राम मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा.

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