जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को सांभर साल्ट लिमिटेड के अधीन भूमि पर निजी नमक उत्पादकों का अवैध कब्जे करने ,चोरी कर ट्यूबवेल से पानी दोहन करने का सवाल उठाया गया. इस दौरान विधायक निर्मल कुमावत ने कहा कि पहले भी सदन में यह सवाल उठाया गया था. उस समय भी सरकार की ओर से कहा गया कि अवैध ट्यूबेल और तार हटाए गए हैं. उस क्षेत्र में सैकड़ों की तादाद में ट्यूबवेल और तार हटाए जाते हैं, लेकिन बार-बार यह अवैध कनेक्शन करते हैं. ऐसे में इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है.
आम आदमी को मांगने पर भी कनेक्शन नहीं मिलता. इसका स्थाई समाधान क्यों नहीं हो रहा है. विधायक ने मांग रखी कि अवैध कब्जे और अवैध पानी का दोहन करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं करवाई जा रही है. इस पर जवाब देते हुए उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सांभर साल्ट विद्युत विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस ने समय-समय पर कार्रवाई की है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि इस मामले में समय-समय पर कार्रवाई हुई है. 2020 में 23.85 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाया गया, 295 अवैध बोरवेल हटाये गए, 32 समर सर्बियल पंप जब्त किए और 22800 मीटर केबल जब्त की गई. उन्होंने कहा कि सांभर साल्ट लिमिटेड भारत सरकार का उपक्रम है. राज्य सरकार को केवल साढ़े 5 लाख की रॉयल्टी मिलती है.
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इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि अगर आप को इस रोकना ही नहीं है, तो फिर आप बोल दो कि कोई भी कुछ भी करें. इतनी अधिक चोरी हो रही है, चाहे केंद्र को नुकसान हो रहा हो या राज्य को नुकसान हो रहा है. एफआईआर दर्ज करवाई जाए. जब तक सख्ती नहीं करोगे, जब तक यह बार-बार अतिक्रमण करते रहेंगे. इस पर फिर मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा की राज्य सरकार को मुकदमे दर्ज कराने का अधिकार नहीं है. सांभर साल्ट को अधिकार है कि अगर वह मुकदमा दर्ज कराएंगे, तो हम उस पर कार्रवाई करेंगे. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि यह राजस्थान सरकार का उपक्रम नहीं है. केंद्र का है, लेकिन इसमें निदान करने के लिए रास्ता तो निकालना पड़ेगा. नहीं तो यह समस्या आती रहेगी. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि विभाग स्तर पर भारत सरकार के अधिकारियों को बुलाकर इस मामले में बात की जानी चाहिए और केस दर्ज करने को लेकर सरकार को निश्चित तौर पर बात करनी चाहिए.