जयपुर. इस्लामिक साल के नौवें महीने रमजान का आखरी चरण चल रहा है और रविवार को आखिरी रोजा रखा गया है. इस आखरी रोजे के दिन ईद की चांद रात भी है. ईद उल फितर का त्योहार इस्लामिक साल के दसवें महीने की 1 तारीख यानि शाबान को मनाया जाता है.
ऐसे में ईद के दिन ईद की विशेष नमाज भी ईदगाह और मस्जिदों में पढ़ी जाती है. ईद के दिन मुस्लिम समाज के लोग नए कपड़े पहनकर ईद की नमाज पढ़ने के लिए जाते हैं. बाजारों में ईद से 1 दिन पहले खरीदारों का हुजूम नजर आता है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी की वजह से राजधानी के बाजारों से रौनक गायब है.
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राजधानी का जोहरी बाजार, रामगंज चौपड़, संजय बाजार सहित अन्य स्थानों पर बाजार लगता है, लेकिन यहां पर कोरोना वायरस का खौफ होने की वजह से कर्फ्यू लगा हुआ है. ऐसे में यहां पर दुकानें नहीं खुल रही हैं. जिससे लोग ईद के मौके पर खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं.
कोरोना महामारी को देखते हुए मुस्लिम समाज की तरफ से भी बड़ा फैसला लिया गया है. इस साल ईद सादगी के साथ मनाने का फैसला लिया गया है. सोशल मीडिया पर लगातार नौजवानों की तरफ से यह मुहिम चलाई गई है कि इस बार ईद पर खरीदारी नहीं की जाएगी और जो भी पैसा आया है उसको अच्छे कामों के लिए और जरूरतमंद लोगों की मदद में खर्च किया जाएगा. मुस्लिम समाज के जिम्मेदारों की तरफ से भी लगातार सादगी के साथ ईद मनाने की अपील की जा रही है.
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ईद के मुबारक मौके पर लॉकडाउन की पूर्णतया पालना की गुजारिश की जा रही है. राजधानी के जोहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में 160 साल में ऐसा पहली बार होगा, जब यहां पर ईद उल फितर की नमाज सामूहिक रूप से अदा नहीं की जाएगी. दिल्ली रोड स्थित ईदगाह में भी लाखों की तादाद में लोगों का हुजूम नमाज अदा करने के लिए आता है, वहां पर भी सामूहिक नमाज अदा नहीं की जाएगी.