जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार मंगलवार को आम बजट पेश करने वाली है. राजस्थान को मोदी सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. खासतौर पर गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला (BD Kalla expectation from the coming budget) चाहते हैं कि इस बार मोदी सरकार ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की मंजूरी से लेकर जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं में केंद्रीय अनुदान 90 से 100% तक बढ़ाने का ऐलान करें. हालांकि मंत्री कल्ला ने यह भी कहा कि प्रदेश के 25 सांसद बीते 3 साल से केंद्र में मौनी बाबा बने बैठे हैं लेकिन कभी भी राजस्थान के हक के बारे में बात नहीं की
जल जीवन मिशन योजना में केंद्र का अनुदान बढ़ाए सरकार
शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार साल 2013 से पहले राजस्थान को अपनी विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के कारण मरुस्थली क्षेत्रों में केंद्रीय योजनाओं में 100% अनुदान और सामान्य क्षेत्रों में 90% अनुदान दिया जाता था लेकिन अब की मौजूदा सरकार ने इस अनुदान को कम करके 45:45 अनुपात पर पहुंचा दिया है. कल्ला ने कहा कि पेयजल के लिहाज से राजस्थान की स्थिति सबके सामने है.
ऐसे में केंद्र सरकार को चाहिए कि जल जीवन मिशन योजना में मरुस्थली क्षेत्रों के लिए 100% अनुदान दे और सामान्य इलाकों के लिए 90% तक का अनुदान देने का ऐलान इस बजट में करे. इसके साथ ही नदियों को जोड़ने की योजना भी केंद्र सरकार की ही है. ऐसे में राजस्थान में इस योजना के तहत तीनों नदियों को जोड़ा जाएगा या नहीं यह भी बजट में स्पष्ट करे. चंबल नदी के पानी को अन्य जिलों तक पहुंचाने की योजना में भी केंद्र सरकार को मदद करनी चाहिए.
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
कैबिनेट मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान के लिए 37 हजार 213 करोड़ लागत की ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण योजना है. इसकी डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को 2 साल पहले ही भेज दी गई थी लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है. कल्ला ने कहा कि इस योजना को लेकर तो खुद पिछले चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर और जयपुर की सभाओं में वक्तव्य दिया था लेकिन अब खुद ही उनकी सरकार इस प्रोजेक्ट की मंजूरी में देरी कर रही है. कल्ला ने कहा मौजूदा बजट में इस प्रोजेक्ट को लेकर मंजूरी देने के साथ ही बजट का भी प्रावधान किया जाना चाहिए.
समग्र शिक्षा अभियान में शहरी क्षेत्रों के लिए भी हो बजट का प्रावधान
शिक्षा मंत्री डॉ. कला ने कहा कि केंद्र सरकार समग्र शिक्षा अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों के लिए तो फंड देती है लेकिन शहरी इलाकों के लिए इस योजना के तहत कोई फंड नहीं दिया जाता जबकि शहरी क्षेत्र में भी कच्ची बस्ती है और यहां भी कई स्कूल संचालित होते हैं. कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार को समसा के तहत शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष बजट रखना चाहिए. माही डिजिटल एजुकेशन के लिए भी बजट में कोई प्रावधान किया जाना चाहिए.
राजस्थान सौर ऊर्जा का हब लेकिन केंद्र से नहीं मिल रही समुचित मदद
कैबिनेट मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला का कहना है कि राजस्थान सौर ऊर्जा का हब है लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इसके प्रसार के लिए राजस्थान को समुचित मदद नहीं मिल पा रही है. कल्ला ने कहा कि इस बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए. खास तौर पर गोडावण पक्षी के लिए कोर्ट में लगी पब्लिक लिटिगेशन से उपजे विवाद का निस्तारण कराने के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए.
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रिफाइनरी को मिले गति, राज्य में लगे बड़ा कल कारखाना
शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान में रिफाइनरी को गति मिल सके इसके लिए भी केंद्र सरकार को राजस्थान सरकार की मदद करना चाहिए. उनके अनुसार पिछले 8 वर्षों में राजस्थान में केंद्र सरकार के स्तर पर कोई बड़ा कल कारखाना नहीं लगवाया गया है. ऐसे में पब्लिक सेक्टर में राजस्थान में मौजूदा खनिज की प्रचुरता देखते हुए संबंधित कल कारखाना लगना जरूरी है ताकि आम लोगों को उससे रोजगार भी मिल सके और प्रदेश में निवेश की स्थिति और बेहतर हो सके.
रेलवे के क्षेत्र में भी हों ये काम
कैबिनेट मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार मोदी सरकार के बजट में राजस्थान में अधूरे पड़ी रेलवे लाइनों को लेकर भी विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए. खासतौर पर मेड़ता पुष्कर और बीकानेर से अजमेर को जोड़ने का काम इस बजट में होना चाहिए.
मौनी बाबा बने रहे 25 सांसद, इसलिए उम्मीद है कम
शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट से राजस्थान को लेकर उनको कुछ खास उम्मीद नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान से 25 सांसद केंद्र में भेजे गए लेकिन 3 साल तक ये सांसद 'मौनी बाबा' बन कर बैठे रहे लेकिन फिर भी इस बात की उम्मीद तो कर ही सकते हैं कि बचे हुए 2 साल के भीतर में राजस्थान की हक की बात करेंगे और केंद्र में काबिज अपनी सरकार से राजस्थान को उसका हक बजट में दिलाएंगे. बीडी कल्ला ने कहा यदि अब भी ये सांसद नहीं बोलेंगे तो राजस्थान की जनता सोचेगी कि हमने जिन्हें केंद्र में सांसद बनाकर भेजा वे 5 साल तक सिर्फ अपने बारे में सोचते रहे.