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नशा मुक्त राजस्थान के लिए सीएम के तीन निर्णय, नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय के गठन को मंजूरी

राजस्थान को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने तीन बड़े निर्णय लिए हैं. इनमें नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय, एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और एन्टी नारकोटिक्स यूनिट के गठन के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई (Drug free Rajasthan directorate formation approved) है. इनका ध्येय नशीली दवाइयों का दुरूपयोग रोकना, नशा पीड़ितों का पुर्नवास करना और आम जनता में जागरूकता पैदा कर नशा मुक्त राजस्थान बनाना है.

Drug free Rajasthan directorate formation approved by CM to make drug free state
नशा मुक्त राजस्थान के लिए सीएम के तीन निर्णय, नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय के गठन को मंजूरी
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Published : Sep 7, 2022, 10:48 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को नशा मुक्त बनाने के लिए अहम निर्णय किए (Steps to make Rajasthan drug free) हैं. उन्होंने प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरूपयोग रोकने, नशा पीड़ितों के पुनर्वास और जनजागरूकता सहित विभिन्न कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय, एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और एन्टी नारकोटिक्स यूनिट गठन के लिए प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

एनजीओ और मनोचिकित्सक होंगे सदस्यः नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करने सहित कई कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय का गठन किया गया है. इसमें आयुक्त पदेन शासन सचिव, गृह को नियुक्त किया गया है. इस क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और मनोचिकित्सक, मनोविज्ञानी आदि को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा. साथ ही चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, आबकारी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारी-कर्मचारी शामिल किए जाएंगे.

पढ़ें: प्रदेश को नशा मुक्त करना हमारा पहला उद्देश्य : डॉ. रघु शर्मा

टास्क फोर्स का गठनः एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन (Anti Narcotics Task force) अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में किया गया है. इसमें अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एएनयू को सदस्य सचिव बनाया गया है. इस फोर्स में 10 सदस्य होंगे. इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शासन सचिव कृषि विभाग, शासन सचिव आबकारी विभाग, शासन सचिव उच्च शिक्षा, अतिरिक्त महानिदेशक राजस्व आसूचना निदेशालय, राज्य औषधि नियंत्रक राजस्थान, निदेशक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय है.

पढ़ें: नशीली दवाओं का उपयोग रोकने के लिए 13 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देगा केंद्र

एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और निदेशालय के कार्यः टास्क फोर्स, नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी. यह एनसीओआरडी की विभिन्न बैठकों के निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी. नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कानून लागू करने के लिए रणनीति, उपाय एवं विभिन्न तरीकों को विकसित करना. दुरूपयोग को रोकना, पीड़ितों का पुनर्वास एवं जागरूकता फैलाने जैसे उद्देश्यों के लिए विभिन्न विभाग, सरकारी एजेंसियों एवं पुलिस इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा.

पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस : नशे की गिरफ्त से युवाओं को आजाद कराते डॉ. थवाइत

यह फोर्स पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य विभागीय अधिकारियों की ओर से दवाओं की तस्करी में लिप्त पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करेगी. साथ ही विभिन्न विभागों की ओर से नशीली दवाओं के दुरूपयोग से संबंधित आंकड़ों का आंकलन कर आवश्यक नीतिगत परिवर्तन के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करेगी. निदेशालय/आयुक्तालय की ओर से नशा नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत प्रदत्त वित्तीय सहायता के लिए विभिन्न विभागों की आवश्यकता अनुसार प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे.

पढ़ें: झालावाड़: नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ, प्रचार रथों को कलेक्टर ने किया रवाना

एसओजी में एंटी नारकोटिक्स यूनिट का गठनः मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए एसओजी में महानिरीक्षक पुलिस की अध्यक्षता में एंटी नारकोटिक्स यूनिट (एएनयू) का गठन किया जाएगा. यह मुख्यतः एंटी नारकोटिक्स एनफोर्समेंट का कार्य करेगी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान को नशा मुक्त बनाने के लिए अहम निर्णय किए (Steps to make Rajasthan drug free) हैं. उन्होंने प्रदेश में नशीली दवाओं के दुरूपयोग रोकने, नशा पीड़ितों के पुनर्वास और जनजागरूकता सहित विभिन्न कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय, एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और एन्टी नारकोटिक्स यूनिट गठन के लिए प्रस्तावों को मंजूरी दी है.

एनजीओ और मनोचिकित्सक होंगे सदस्यः नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करने सहित कई कार्यों के लिए नशा मुक्त राजस्थान निदेशालय/आयुक्तालय का गठन किया गया है. इसमें आयुक्त पदेन शासन सचिव, गृह को नियुक्त किया गया है. इस क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और मनोचिकित्सक, मनोविज्ञानी आदि को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा. साथ ही चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, आबकारी, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग, राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के अधिकारी-कर्मचारी शामिल किए जाएंगे.

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टास्क फोर्स का गठनः एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन (Anti Narcotics Task force) अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह की अध्यक्षता में किया गया है. इसमें अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एएनयू को सदस्य सचिव बनाया गया है. इस फोर्स में 10 सदस्य होंगे. इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा, शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, शासन सचिव कृषि विभाग, शासन सचिव आबकारी विभाग, शासन सचिव उच्च शिक्षा, अतिरिक्त महानिदेशक राजस्व आसूचना निदेशालय, राज्य औषधि नियंत्रक राजस्थान, निदेशक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय है.

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एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और निदेशालय के कार्यः टास्क फोर्स, नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी. यह एनसीओआरडी की विभिन्न बैठकों के निर्णयों की क्रियान्विति सुनिश्चित करेगी. नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ कानून लागू करने के लिए रणनीति, उपाय एवं विभिन्न तरीकों को विकसित करना. दुरूपयोग को रोकना, पीड़ितों का पुनर्वास एवं जागरूकता फैलाने जैसे उद्देश्यों के लिए विभिन्न विभाग, सरकारी एजेंसियों एवं पुलिस इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा.

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यह फोर्स पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य विभागीय अधिकारियों की ओर से दवाओं की तस्करी में लिप्त पाए जाने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करेगी. साथ ही विभिन्न विभागों की ओर से नशीली दवाओं के दुरूपयोग से संबंधित आंकड़ों का आंकलन कर आवश्यक नीतिगत परिवर्तन के लिए राज्य सरकार को सिफारिश करेगी. निदेशालय/आयुक्तालय की ओर से नशा नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत प्रदत्त वित्तीय सहायता के लिए विभिन्न विभागों की आवश्यकता अनुसार प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे.

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एसओजी में एंटी नारकोटिक्स यूनिट का गठनः मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए एसओजी में महानिरीक्षक पुलिस की अध्यक्षता में एंटी नारकोटिक्स यूनिट (एएनयू) का गठन किया जाएगा. यह मुख्यतः एंटी नारकोटिक्स एनफोर्समेंट का कार्य करेगी.

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