जयपुर. अंगदान महादान की परिकल्पना अब तक किताबों तक सिमटी हुई थी. लेकिन अब परिवहन विभाग की ओर से बनने वाले लाइसेंस में इस परिकल्पना को धरातल पर सार्थक किया जाएगा. क्योंकि देश भर में हर साल सड़क हादसों में लाखों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं. ऐसे में यदि वह सभी लोग अपनी मृत्यु के बाद यदि ऑर्गन डोनेट कर दे तो देश भर में लाखों लोगों की जान भी बचाई जा सकती है.
सरकारी आंकड़ों की मानें तो देश भर में हर साल करीब 1.5 लाख लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं. वहीं इनमें से राजस्थान की बात की जाए तो राजस्थान में भी हर साल करीब 10 हजार लोग औसतन सड़क हादसों का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में उनकी सड़क हादसों के चलते मृत्यु भी हो जाती है. लेकिन अब परिवहन विभाग की ओर से एक नई कवायद भी की जा रही है.
इस दौरान सड़क हादसों में होने वाले लोगों की मृत्यु के बाद उनके ऑर्गन डोनेशन के जरिए भी लाखों लोगों का जीवन भी बचाया जा सकता है. इसको लेकर परिवहन विभाग के द्वारा एक नई कवायद की गई है. जिसके अंतर्गत ऑर्गन डोनेशन को लेकर भी एक प्रस्ताव पास किया गया है. जिसके अंतर्गत लाइसेंस आवेदन के दौरान ऑर्गन डोनेशन के सवाल का जवाब देना भी जरूरी होगा.
पहले ऑर्गन डोनेशन का सवाल नहीं था अनिवार्य
परिवहन आयुक्त रवि जैन की माने तो अभी तक इस सवाल को अनिवार्य नहीं कर रखा था. लेकिन अब विभाग की ओर से इस सवाल को अनिवार्य कर दिया गया है. पहले इस सवाल के अंतर्गत यदि आप ऑर्गन डोनेटर है तो 'हां-या-ना' पूछा जाता था. यदि किसी को सवाल देना उचित नहीं लगता था, तो वह इस सवाल को स्किप भी कर सकता था. लेकिन विभाग की ओर से इस सवाल को अनिवार्य कर दिया गया है.
ऐसे में अब सभी लोगों को इस सवाल का जवाब देना अनिवार्य भी होगा. यदि कोई सवाल का जवाब नहीं देगा तो उसका लाइसेंस परिवहन विभाग की ओर से नहीं बनाया जाएगा.
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ड्राइविंग लाइसेंस पर लिखा जाएगा डोनेटर
परिवहन आयुक्त रवि जैन ने बताया कि जो भी व्यक्ति ऑर्गन डोनेशन के लिए उस सवाल को हां करेगा. उसके बाद उसके लाइसेंस पर ऑर्गन डोनर लिखा जाएगा. ऐसे में यदि उस व्यक्ति की सड़क हादसे के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके लाइसेंस को जान सकेंगे कि वह ऑर्गन डोनर है, या नहीं उस व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में ले जाकर किया जाएगा. जिससे हजारों व्यक्तियों की जान को भी बचाया जा सकेगा. ऐसे होते जो एक्सीडेंट के तुरंत बाद डोनेशन के लिए जो अंग होते हैं. ऐसे में उसके उन सब अंगों को डोनेट करने के बाद की लोगों की जिंदगी भी बचाई जाएगी.
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सालाना 10 हजार लोग गवांते हैं अपनी जान
परिवहन विभाग के आंकड़ों की माने तो प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के तहत सालाना करीब 10 हजार लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं. वहीं देश में यह आंकड़ा करीब 1.5 लाख का है. साल 2017 में राजस्थान में 22112 सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें 10444 लोगों की मृत्यु हुई.
वहीं साल 2018 में प्रदेश में 21742 सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें 10323 लोगों की जान गई. साल 2019 में प्रदेश में 30468 सड़क दुर्घटनाओं में 10561 लोगों ने अपनी जान गंवाई. वहीं 22964 लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होकर घायल भी हुए. ऐसे में ऑर्गन डोनेट होने की वजह से हजारों लोगों की जान बचाई जा सकेगी.