जयपुर. जयपुर के अमानीशाह नाले को दोबारा द्रव्यवती नदी बनाने का सफर 4 साल पहले शुरू हुआ था. लेकिन ये सफर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. जमीनी विवाद और कांट्रैक्ट मैनेजमेंट की कमी के चलते 5 से 10 फीसदी काम अटका पड़ा है.
आलम ये है कि कई जगह अब नदी की स्थिति नाले से भी बदतर हो गई है. या यूं कहें शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट की दुर्गति हो रही है. हालांकि अब इसे फरवरी 2022 तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है. पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स को ये काम अक्टूबर 2018 तक पूरा करना था. लेकिन बार-बार डेडलाइन बदलती जा रही है. महज 10 फीसदी काम के कारण पूरी द्रव्यवती के हाल बदतर होते जा रहे हैं.
यहां भारी मात्रा में कचरा और काई जमा हो रखी है. 1300 करोड़ खर्च करने के बाद भी द्रव्यवती नदी (Dravyavati river project cost) नाला ही बनी हुई है. इस प्रोजेक्ट से जुड़ी सबसे बड़ी चुनौती देहलावास के पास जमीन का विवाद बताया जा रहा है. इसी तरह गोनेर पुलिया से पदमापुरा पुलिया की ओर करीब 2 किलोमीटर में भी कोर्ट स्टे लगा हुआ है. जबकि हसनपुरा में भी स्थानीय लोग नदी की दीवार नहीं बनाने दे रहे. हालांकि इस बार तमाम रुकावट को दूर करते हुए, फरवरी 2022 तक इसे अंतिम रूप दिए जाने का दावा किया गया है.
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मौजूदा स्थिति की बात करें तो नदी में कहीं पर भी पानी नहीं बह रहा. जबकि निर्माण के दौरान ये दावा किया गया था कि पूरे साल पानी बहेगा. कई जगह तो पानी के ठहरने की वजह से बदबू आने लगी है. बहरहाल, राजधानी के सबसे बड़े प्रोजेक्ट को पूरा होने की डेडलाइन अक्टूबर 2018 थी, लेकिन तब से लेकर अब तक कई बार इसे बदला जा चुका है. हर बार नई तारीख मिलती है, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया है.