जयपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने देश के गृहमंत्री अमित शाह पर शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम रखा. उसमें अमित शाह ने शिरकत करने से मना किया, जिससे शहीदों का अपमान (Dotasra says Shah insult martyrs) हुआ.
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की महारानी का 1 दिन का शोक रखने वाली सरकार के गृह मंत्री अगर इस तरह से शहीदों का अपमान करें, तो यह उचित नहीं माना जा सकता. हमें लगा अमित शाह ईआरसीपी को राष्ट्रीय योजना घोषित करेंगे लेकिन अमित शाह तो गजेंद्र, वसुंधरा और सतीश पूनिया का मनमुटाव दूर करने आए थे. डोटासरा ने इस दौरान भाजपा के नेताओं की आपसी दूरियों को लेकर कहा कि शाह के कार्यक्रम में भाजपा के जो बड़े नेता बैठे थे. उनके हावभाव और उनके तेवर देखकर आज रात को अमित शाह यहां रुककर नेताओं को मनाने का प्रयास करेंगे.
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डोटासरा ने कहा कि हम तो इस दौरे को मान रहे थे कि गजेंद्र सिंह उनके दोस्त हैं और शाह गृहमंत्री हैं, तो हमें ईआरसीपी जो राजस्थान में 13 जिलों के पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण है, उस योजना को राष्ट्रीय योजना की घोषणा करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डोटासरा ने कहा कि लग रहा था कि भाजपा में जिस तरह से सतीश पूनिया की यात्रा को रोका गया, कहीं वसुंधरा राजे के तो कहीं पूनिया के पोस्टर नहीं लगाए जाते. इसका साफ मतलब है कि गजेंद्र सिंह, सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे में जो मनमुटाव और झगड़े हैं, यह दौरा उन्ही तक सिमट कर रह गया. डोटासरा ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं में आज कोई जोश नहीं था.
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डोटासरा ने कहा कि जिस प्रकार से अमित शाह ने 1965 और 1971 के युद्ध का जिक्र किया, मैं देश के गृहमंत्री से यह निवेदन करना चाहता हूं कि उन्होंने 1965 और 1971 के युद्व का जिक्र तो किया, लेकिन आपको भाजपा के नेताओं को बताना चाहिए कि 31 दिसंबर, 1970 तक की अवधि के शहीदों की वीरांगनाओं या आश्रितों को नौकरी मिलती थी. लेकिन 1971 के युद्ध में जो शहीद हुए उनकी वीरांगनाओं और आश्रितों को नौकरी नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है, जहां कांग्रेस सरकार ने यह निर्णय किया गया कि 31 दिसंबर, 1971 तक के शहीदों के आश्रितों को हम नौकरी देंगे.