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गुलाबी नगरी से आई ये खबर सुकून देती है...लॉकडाउन में नहीं आया एक भी घरेलू हिंसा का प्रकरण

कोरोना के दौर में गुलाबी नगरी जयपुर से राहत की एक खबर आई है. जहां पहले जयपुर में घरेलू हिंसा के औसतन महीने में 60 से 70 मामले आते थे लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है तब से एक भी केस घरेलू हिंसा का नहीं आया.

jaipur domestic violence news, जयपुर घरेलू हिंसा की खबर
राजधानी में नहीं आया घरेलू क्लेश का एक भी प्रकरण
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Published : Apr 19, 2020, 9:17 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन पार्ट-2 चल रहा है. लेकिन फिर भी कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है. कोरोना के मामले के साथ-साथ पूरे देश के विभिन्न राज्यों में घरेलू हिंसा की भी घटनाओं में इजाफा हो रहा है. राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से भी विभिन्न प्रदेशों में घरेलू क्लेश के प्रकरण में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चिंता व्यक्त की गई है.

लेकिन इन सब के बीच गुलाबी नगरी से एक राहत की खबर आ रही है. राजस्थान की राजधानी जयपुर ने पूरे देश में एक नई मिसाल पेश की है. प्रदेश में लॉकडाउन पीरियड के दौरान घरेलू क्लेश का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है. जो सबसे बड़ी राहत की खबर है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जिलों में लॉकडाउन के दौरान घरेलू क्लेश की एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई और ना ही किसी तरह का कोई मामला पुलिस की ओर से दर्ज किया गया है. पुलिस के साथ-साथ आमजन के लिए भी राहत की एक बड़ी खबर है.

राजधानी में नहीं आया घरेलू क्लेश का एक भी प्रकरण

पढ़ेंः राज्य सरकार के इंतजाम नाकाफी हैं और संकीर्णता से भरे हुए हैं, इसी का कर रहे विरोधः राजेंद्र राठौड़

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया की लॉक डाउन पीरियड के दौरान घरेलू क्लेश का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं पुलिस ने जो मामले दर्ज किए गए हैं वह अन्य दूसरी चीजों से संबंधित हैं. जिसमें सर्वाधिक मामले लॉकडाउन के उल्लंघन के हैं. लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर में प्रतिदिन औसतन महीने में 60 से 70 घरेलू क्लेश के प्रकरण सामने आते थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान इन प्रकरणों की संख्या शून्य है.

पढ़ेंः एक उम्मीद थी...उस पर भी Corona का कहर, साहब...'लहलहाते टमाटर खेतों में सड़ गए'

लॉकडाउन के दौरान देश में विभिन्न राज्यों में घरेलू क्लेश के प्रकरणों में तेजी के साथ बढ़ोतरी दर्ज की गई. जिसको लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी चिंता व्यक्त की. साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग को हेल्पलाइन पर जो घरेलू क्लेश की शिकायतें प्राप्त हुई उसका आंकड़ा भी राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से साझा किया गया. लॉकडाउन अवधि के दौरान 14 अप्रैल तक राष्ट्रीय महिला आयोग को निम्न शिकायतें विभिन्न प्रदेशों से प्राप्त हुई.
डीवाईएसपी सुनील प्रसाद ने बताया की जहां पहले 1-2 प्रकरण घरेलू क्लेश के मानसरोवर थाने में सामने आते थे तो अब एक भी प्रकरण सामने नहीं आ रहा है. उन्होंने यह भी संभावना जताई की लॉकडाउन के चलते लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और शिकायत दर्ज नहीं करवा रहे हैं. लॉकडाउन की समाप्ति के बाद हो सकता है की घरेलू क्लेश के प्रकरण सामने आए लेकिन फिलहाल लॉकडाउन पीरियड के दौरान घरेलू क्लेश का कोई भी प्रकरण सामने नहीं आया है.

राज्य घरेलू क्लेश के प्रकरण

  • उत्तर प्रदेश 90
  • दिल्ली 37
  • महाराष्ट्र 18
  • बिहार 18
  • मध्य प्रदेश 11

जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन पार्ट-2 चल रहा है. लेकिन फिर भी कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है. कोरोना के मामले के साथ-साथ पूरे देश के विभिन्न राज्यों में घरेलू हिंसा की भी घटनाओं में इजाफा हो रहा है. राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से भी विभिन्न प्रदेशों में घरेलू क्लेश के प्रकरण में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चिंता व्यक्त की गई है.

लेकिन इन सब के बीच गुलाबी नगरी से एक राहत की खबर आ रही है. राजस्थान की राजधानी जयपुर ने पूरे देश में एक नई मिसाल पेश की है. प्रदेश में लॉकडाउन पीरियड के दौरान घरेलू क्लेश का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया है. जो सबसे बड़ी राहत की खबर है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जिलों में लॉकडाउन के दौरान घरेलू क्लेश की एक भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई और ना ही किसी तरह का कोई मामला पुलिस की ओर से दर्ज किया गया है. पुलिस के साथ-साथ आमजन के लिए भी राहत की एक बड़ी खबर है.

राजधानी में नहीं आया घरेलू क्लेश का एक भी प्रकरण

पढ़ेंः राज्य सरकार के इंतजाम नाकाफी हैं और संकीर्णता से भरे हुए हैं, इसी का कर रहे विरोधः राजेंद्र राठौड़

एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अशोक कुमार गुप्ता ने बताया की लॉक डाउन पीरियड के दौरान घरेलू क्लेश का एक भी मामला सामने नहीं आया है. वहीं पुलिस ने जो मामले दर्ज किए गए हैं वह अन्य दूसरी चीजों से संबंधित हैं. जिसमें सर्वाधिक मामले लॉकडाउन के उल्लंघन के हैं. लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर में प्रतिदिन औसतन महीने में 60 से 70 घरेलू क्लेश के प्रकरण सामने आते थे लेकिन लॉकडाउन के दौरान इन प्रकरणों की संख्या शून्य है.

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लॉकडाउन के दौरान देश में विभिन्न राज्यों में घरेलू क्लेश के प्रकरणों में तेजी के साथ बढ़ोतरी दर्ज की गई. जिसको लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी चिंता व्यक्त की. साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग को हेल्पलाइन पर जो घरेलू क्लेश की शिकायतें प्राप्त हुई उसका आंकड़ा भी राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से साझा किया गया. लॉकडाउन अवधि के दौरान 14 अप्रैल तक राष्ट्रीय महिला आयोग को निम्न शिकायतें विभिन्न प्रदेशों से प्राप्त हुई.
डीवाईएसपी सुनील प्रसाद ने बताया की जहां पहले 1-2 प्रकरण घरेलू क्लेश के मानसरोवर थाने में सामने आते थे तो अब एक भी प्रकरण सामने नहीं आ रहा है. उन्होंने यह भी संभावना जताई की लॉकडाउन के चलते लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं और शिकायत दर्ज नहीं करवा रहे हैं. लॉकडाउन की समाप्ति के बाद हो सकता है की घरेलू क्लेश के प्रकरण सामने आए लेकिन फिलहाल लॉकडाउन पीरियड के दौरान घरेलू क्लेश का कोई भी प्रकरण सामने नहीं आया है.

राज्य घरेलू क्लेश के प्रकरण

  • उत्तर प्रदेश 90
  • दिल्ली 37
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