जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने शुक्रवार को बूंदी नगर परिषद के 8 मनोनीत सदस्यों की सूची जारी की. इसमें एक दिव्यांग पार्षद भी शामिल है. राजस्थान नगरपालिका संशोधन अधिनियम 2021 की अधिसूचना में पहली बार दिव्यांगों को मनोनीत सदस्यों में आरक्षण दिया गया. वहीं अब नगरीय निकायों के बाद ग्रामीण निकायों में भी दिव्यांगों को मनोनीत करने के संबंध में पंचायती राज विभाग को पत्र लिखा गया है.
राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 6(1)(क)(ii)(iv) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार के आगामी आदेश अथवा नगर निगम/नगर परिषद/नगर पालिका मंडल की अवधि तक के लिए बूंदी नगर परिषद में 8 सदस्यों का मनोनयन किया गया है. इससे पहले 103 नगरीय निकायों में मनोनीत सदस्यों की सूची जारी की जा चुकी है. खास बात यर है कि लगभग सभी निकायों में एक दिव्यांग पार्षद भी मनोनीत किया गया है और जिन निकायों में योग्य दिव्यांग नहीं मिला, वहां पद रिक्त रखा गया है.
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वहीं अब दिव्यांग अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत भाई गोयल ने पंचायती राज विभाग को ग्रामीण निकायों में भी दिव्यांगों को मनोनीत सदस्य बनाने के लिए नीतिगत निर्णय लेने पर विचार करने के संबंध में पत्र लिखा है. इस पत्र में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों और राष्ट्र महासभा की ओर से पारित प्रस्तावों का हवाला देते हुए दिव्यांग जनों को भी अन्य व्यक्तियों के समान अवसर प्रदान करने की मांग की है.
प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक दिव्यांग व्यक्ति को पंच के रूप में मनोनीत करने के लिए पंचायती राज अधिनियम में संशोधन करने के लिए भी अनुरोध किया है. इस संबंध में दिव्यांग अधिकार महासंघ ने 10 साल पहले मुहिम शुरू की थी और न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया था.