ETV Bharat / city

चारागाह-जोहड़ की जमीन से तीन महीने में जिला कलेक्टर हटाएं अतिक्रमण: हाईकोर्ट - जिला कलेक्टर

झुंझुंनूं की उदयपुरवाटी तहसील के नाटास गांव में चारागाह और जोहड़ पर अतिक्रमण का मामला सामने आया था. जिसे लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिक्रमण को 3 महीने में हटाने के आदेश दिए है.

rajasthan highcourt, जयपुर की खबर
चारागाह और जोहड़ से 3 अतिक्रमण हटाने के दिए आदेश
author img

By

Published : Dec 27, 2019, 10:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुंनूं की उदयपुरवाटी तहसील के नाटास गांव में चारागाह और जोहड़ पर हुए अतिक्रमण मामले में जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे अतिक्रमण हटाने में आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे तीन महीने में हटाएं.

हाईकोर्ट ने यह आदेश उदयपुरवाटी निवासी अनिता की याचिका का निपटारा करते हुए दिया. वहीं, अदालत ने प्रार्थिया को कहा है कि वह इस संबंध में जिला कलेक्टर के समक्ष आदेश की कॉपी के साथ विस्तृत प्रतिवेदन दें.

पढ़ें- CISF की ओर जयपुर एयरपोर्ट पर दिव्यांग जनों के लिए सेमिनार का आयोजन

अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि याचिका में कहा था कि गांव के खसरा नंबर 124 पर चारागाह और जोहड़ की जमीन पर कुछ प्रभावशाली लोगों लक्ष्मण और मोती सिहं सहित अन्य ने अवैध कब्जा और अतिक्रमण कर लिया है.

प्रार्थिया ने अतिक्रमण हटवाने के लिए संबंधित अफसरों को कई बार शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि हाईकोर्ट ने एक अन्य जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे चारागाह, जोहड़ और सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने और रोकने के लिए एक मैकेनिज्म विकसित करें और हर जिले में जिला कलेक्टर की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता की शिकायत के निपटारे के लिए पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल बनाएं.

पढ़ें- लिपिक ग्रेड-2 भर्तीः हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को एमबीसी वर्ग में शामिल करने के दिए आदेश

साथ ही कहा कि इस सेल का मुखिया जिला कलेक्टर हो और उसके निर्देश पर ही अफसर कार्रवाई करें. लेकिन, आदेश के पालन में अफसरों ने अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए चारागाह और जोहड़ से अतिक्रमण हटाया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुंनूं की उदयपुरवाटी तहसील के नाटास गांव में चारागाह और जोहड़ पर हुए अतिक्रमण मामले में जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे अतिक्रमण हटाने में आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे तीन महीने में हटाएं.

हाईकोर्ट ने यह आदेश उदयपुरवाटी निवासी अनिता की याचिका का निपटारा करते हुए दिया. वहीं, अदालत ने प्रार्थिया को कहा है कि वह इस संबंध में जिला कलेक्टर के समक्ष आदेश की कॉपी के साथ विस्तृत प्रतिवेदन दें.

पढ़ें- CISF की ओर जयपुर एयरपोर्ट पर दिव्यांग जनों के लिए सेमिनार का आयोजन

अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि याचिका में कहा था कि गांव के खसरा नंबर 124 पर चारागाह और जोहड़ की जमीन पर कुछ प्रभावशाली लोगों लक्ष्मण और मोती सिहं सहित अन्य ने अवैध कब्जा और अतिक्रमण कर लिया है.

प्रार्थिया ने अतिक्रमण हटवाने के लिए संबंधित अफसरों को कई बार शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि हाईकोर्ट ने एक अन्य जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे चारागाह, जोहड़ और सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने और रोकने के लिए एक मैकेनिज्म विकसित करें और हर जिले में जिला कलेक्टर की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता की शिकायत के निपटारे के लिए पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल बनाएं.

पढ़ें- लिपिक ग्रेड-2 भर्तीः हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को एमबीसी वर्ग में शामिल करने के दिए आदेश

साथ ही कहा कि इस सेल का मुखिया जिला कलेक्टर हो और उसके निर्देश पर ही अफसर कार्रवाई करें. लेकिन, आदेश के पालन में अफसरों ने अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है. इसलिए चारागाह और जोहड़ से अतिक्रमण हटाया जाए.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने झुंझुंनूं की उदयपुरवाटी तहसील के नाटास गांव में चारागाह व जोहड़ पर हुए अतिक्रमण मामले में जिला कलेक्टर को निर्देश दिया है कि वे अतिक्रमण हटाने में आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे तीन महीने में हटाएं। हाईकोर्ट ने यह आदेश उदयपुरवाटी निवासी अनिता की याचिका का निपटारा करते हुए दिया। वहीं अदालत ने प्रार्थिया को कहा है कि वह इस संबंध में जिला कलेक्टर के समक्ष आदेश की कॉपी के साथ विस्तृत प्रतिवेदन दें। Body:अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने बताया कि याचिका में कहा था कि गांव के खसरा नंबर 124 पर चारागाह व जोहड़ की जमीन पर कुछ प्रभावशाली लोगों लक्ष्मण व मोती सिहं सहित अन्य ने अवैध कब्जा व अतिक्रमण कर लिया है। प्रार्थिया ने अतिक्रमण हटवाने के लिए संबंधित अफसरों को कई बार शिकायत की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि हाईकोर्ट ने एक अन्य जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि वे चारागाह, जाेहड़ व सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने व रोकने के लिए एक मैकेनिज्म विकसित करें और हर जिले में जिला कलेक्टर द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता की शिकायत के निपटारे के लिए पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल बनाएं। इस सेल का मुखिया जिला कलेक्टर हो और उसके निर्देश पर ही अफसर कार्रवाई करें। लेकिन आदेश के पालन में अफसरों ने अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। इसलिए चारागाह व जोेहड़ से अतिक्रमण हटाया जाए।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.