जयपुर. राजस्थान में कैबिनेट में एक्सपेंशन (Rajasthan Cabinet Expansion) या पुनर्गठन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी है लेकिन गुरुवार रात को जैसे ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Minsiter Raghu Sharma) को पद पर रहते हुए गुजरात, दादर नगर हवेली और दमन दीव का प्रभारी बनाया गया. उसके बाद से एक बार फिर राजस्थान में कैबिनेट विस्तार या पुनर्गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं.
हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि जिसे प्रभारी बनाया जाए, उसका मंत्री पद भी जाए लेकिन आमतौर पर परंपरा रही है कि एक व्यक्ति एक पद पर ही रहता है. वैसे भी किसी राज्य का प्रभारी किसी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री से ऊंचा पद माना जाता है. ऐसे में लगता नहीं है कि रघु शर्मा खुद भी अब स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहना चाहेंगे. इस बीच अब यह चर्चाएं तेज हैं कि रघु शर्मा को जल्द ही स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाएगा.
कई बड़े चेहरे संभालेंगे संगठन का काम
प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने जुलाई महीने में ही विधायकों और मंत्रियों की फीडबैक के बाद यह बात कही थी कि कई मंत्री ऐसे हैं, जो अपना पद छोड़कर संगठन में काम करना चाहते हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि कई मंत्रियों को जल्द ही संगठन में पद दिए जाएंगे. इसकी शुरुआत रघु शर्मा से हो चुकी है. उन्हें गुजरात जैसे चुनावी राज्य का प्रभारी बनाया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी संगठन में जाने के इच्छुक हैं. माना जा रहा है कि उन्हें भी जल्द पंजाब के प्रभारी के तौर पर नियुक्त कर दिया जाएगा.
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उधर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन चुके हैं. ऐसे में एक पद एक व्यक्ति सिद्धांत के चलते वह भी मंत्री पद को छोड़ेंगे. इसी तरह सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद राजस्थान में कोई मंत्री पद लेने के इच्छुक नहीं है और उन्हें पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में ही सक्रिय रखेगी. इन समीकरणों के बीच माना जा रहा है कि ये टॉप 4 अब संगठन में जिम्मेदारी संभालते नजर आएंगे. जब 3 बड़े मंत्री अपने पदों को छोड़ेंगे तो कैबिनेट का विस्तार होने की बजाए पुनर्गठन होने की संभावना ज्यादा बन गई है.
कभी भी हो सकता है कैबिनेट पुनर्गठन या विस्तार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपनी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं. यह कहा जा रहा है कि यह फेरबदल या पुनर्गठन कभी भी किया जा सकता है. हालांकि बार-बार कैबिनेट विस्तार फेरबदल को लेकर निकलती तारीखों के बाद अब कोई निश्चित समय की बात तो नहीं कर रहा लेकिन जो हालात बन रहे हैं. उसके मुताबिक कैबिनेट विस्तार फेरबदल या पुनर्गठन कभी भी हो सकता है. ये भी हो सकता है कि कांग्रेस पार्टी इसके लिए उपचुनाव समाप्त होने का इंतजार भी ना करे और नवरात्रों में ही कैबिनेट फेरबदल या विस्तार हो जाए.