जयपुप. राजस्थान विधानसभा में आज शुक्रवार को बस्सी पुलिस थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों का मामला उठा. इस पर जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बस्सी के कस्बों तथा गांवों में युवकों में स्मैक और गांजे की प्रवृत्ति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. जिसके चलते पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई करती जा रही है. बस्सी, कानोता और तुंगा, कोटखावदा में 47 केस दर्ज किए गए हैं. जिसमें बरामद किए गए और पकड़े गए 72 मुल्जिमों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
पुलिस विभाग द्वारा युवकों में नशीले पदार्थों के काम करने वाले पर कार्रवाई की गई है. इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि यह समस्या आपने भी फेस की और मैंने भी फेस की. मैं यह जानना चाहता हूं कि हम जिसके पास मादक प्रदार्थ पकड़ा जाता है उसके खिलाफ तो सख्त कार्रवाई करते हैं, जबकि वो वह केवल कैरियर होता है. इस व्यवसाय को करने वाला आज दिन तक कोई बड़ा आदमी ना आप पकड़ पाए ना मैं भी, गृह मंत्री रहते नहीं पकड़ पाया. जहां से यह काम चला है उसकी छानबीन करके इस केस में अभियुक्त बनाने के लिए क्या सरकार की मंशा है. इस पर मंत्री धारीवाल ने कहा कि जहां इन मादक पदार्थों का उत्पादन होता है, जैसे कि राजस्थान की सीमा, कोटा, झालावाड़, प्रतापगढ़, मंदसौर, चित्तौड़गढ़ के आसपास का इलाका वहां पर यह ज्यादा होता है. उन जगह पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने अपने दफ्तर खोल रखे हैं, वह भी समय-समय पर छापे मारते रहते हैं.
पढ़ें : Exclusive : कबड्डी खेल को ओलंपिक तक ले जाने का है लक्ष्य : जनार्दन गहलोत
इसके अलावा भी एक नई चीज देखने को मिल रही है जैसे अभी शिवदासपुरा में चारों तरफ गेहूं की खेती थी और बीच में अफीम उगा रखी थी. इस तरह की जो कार्रवाई है उसके लिए स्पेशल क्लीन स्कीम चला रखी है. जिसके रिजल्ट अच्छे आये हैं. इस पर फिर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जहां से इस काम का ओरिजन हो रहा है, जो इमानदारी से विभाग को भी ध्यान है, लेकिन दुर्भाग्य से उन तक पहुंचने का कोई रास्ता तय नहीं हो पा रहा है. मैं चाहता हूं कोई कानून में ऐसा परिवर्तन किया जाए, उनको पकड़ा जाए ताकि कुछ हजारों के लिए जेल जाने के लिए इन लोगों को जिनको केवल हायर किया हुआ है. इस कष्ट के निवारण के लिए वहां तक पहुंचने के लिए अगर कानून में कोई अमेंडमेंट करना है तो विभाग उस पर भी सोचे.
इस पर धारीवाल ने कहा कि यह काम नारकोटिक्स डिपार्टमेंट जो सेंट्रल गवर्न एजेंसी है और राजस्थान के पुलिस का है. राजस्थान की पुलिस मध्य प्रदेश की पुलिस का भी सहयोग लेती है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश, हरियाणा की पुलिस से भी सहयोग लेते हैं, लेकिन उसके रिजल्ट भी इतने अच्छे नहीं आए. इसीलिए सरकार ने 2019 में एसओजी को मादक पदार्थों की धरपकड़ के लिए लगाया है और उसके रिजल्ट ज्यादा अच्छे हैं. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने भी कहा कि यह भारत सरकार का नियम है, इसमें स्टेट गवर्नमेंट कुछ कर नहीं सकती है. धारीवाल ने कहा कि 72 आरोपियों के खिलाफ केस बने उनमें से 70 के खिलाफ चालान पेश हो चुके हैं जिस तरीके से भी अपराधियों के खिलाफ कंट्रोल किया जा सकता है, वह कोशिश की जा रही है.