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Jaipur Discom : स्मार्ट मीटर के जरिए बिजली चोरी पर लगेगी लगाम, डाटा एनालिसिस सेल शुरू - स्मार्ट मीटर

जयपुर शहर में डिस्कॉम बिजली चोरी और छीजत की समस्याओं को रोकने लिए उपभोक्ताओं के यहां अब स्मार्ट मीटर लगाए (Smart meter will prevent electricity theft) गए हैं. इसके जरिए बिजली चोरी रोकी जा सकेगी साथ ही डिस्कॉम ने बिजली चोरी के आकंड़ों को जानने के लिए डाटा एनालिसिस सेल की शुरुआत की है.

Smart meter will prevent electricity theft
जयपुर डिस्कॉम
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Published : Oct 3, 2022, 2:56 PM IST

जयपुर. जयपुर डिस्कॉम ने बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए (Smart meter will prevent electricity theft) हैं ताकि बिजली चोरी की समस्या को खत्म किया जा सके. इन मीटर के जरिए बिजली चोरी की समस्या को भी डिस्कॉम ने दूर कर दिया. डिस्कॉम ने बिजली चोरी के आकंड़ों को जानने के लिए डाटा एनालिसिस सेल शुरुआत की है.

दरअसल जयपुर शहर में करीब सवा दो लाख बिजली उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगा हुआ है. स्मार्ट मीटर से बिजली उपभोक्ताओं और डिस्कॉम के लिए कई फायदे हैं, लेकिन दोनों ही इसका पूरा लाभ नहीं ले पा रहे थे. खास तौर पर डिस्कॉम इन स्मार्ट मीटर से मिलने वाले आंकड़े के लिहाज से सिस्टम में सुधार को लेकर अब तक जागरूक नहीं हुआ था, लेकिन अब इस दिशा में काम शुरू हुआ है. जयपुर शहर में इसके लिए डाटा एनालिसिस सेल का गठन किया गया है जिसमें इंजीनियर और अकाउंट से जुड़े ऑफिसर को भी तैनात किया गया है.

अधीक्षण अभियंता ए.के. त्यागी का बयान

पढ़ें: जोधपुर डिस्कॉम का सतर्कता अभियान: बिजली चोरी और दुरूपयोग के 1740 मामले पकडे़

डाटा एनालिसिस सेल का यह होगा काम: जयपुर शहर डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता एके त्यागी के अनुसार डाटा एनालिसिस सेल बनाने का मकसद स्मार्ट मीटर से मिलने वाले आंकड़ों के जरिए बिजली के सिस्टम में सुधार करना है. उन्होंने बताया कि जयपुर शहर में जिन इलाकों में उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं. उस फीडर में ट्रांसफार्मर तक पहुंचने वाली बिजली और ट्रांसफार्मर से आम उपभोक्ताओं के घर पहुंचने वाली बिजली के बीच का अंतर इस नई तकनीक के जरिए जुटाया जाएगा. इसका फायदा यह होगा की डिस्कॉम को यह पता चल पाएगा कि किस इलाके में कितनी बिजली की छीजत (मिसयूज) या फिर कहें चोरी हो रही है. इसकी जानकारी मिलने के बाद डिस्कॉम उस क्षेत्र विशेष में विशेष निगरानी या अभियान चलाकर यह छीजत और चोरी की घटनाओं को रोक सकता है. इस सिस्टम के तहत ट्रांसफार्मर पर भी एक मशीन लगाई जाएगी जो डाटा एनालिसिस सेल से जुड़ी होगी.

प्रतिदिन और साप्ताहिक आंकड़ों की होगी तुलना: डाटा एनालिसिस सेल में प्रतिदिन और साप्ताहिक आंकड़ों को एकत्रित कर उसकी तुलना की जाएगी. इसके लिए डाटा एनालिसिस सेल में संबंधित कर्मचारी निगरानी भी रखेंगे और उसकी सूचना डिपार्टमेंट तक और संबंधित उपखंड इंजीनियर तक दी जाएगी.

स्मार्ट मीटर के यह फायदे: जिन उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगा है वहां पोस्टपेड के अलावा प्रीपेड कनेक्शन भी लिया जा सकता है. जिसमें एडवांस में जितनी बिजली चाहिए उतना पैसा जमा कराकर इस्तेमाल किया जा सकता है. इस पर प्रति यूनिट कुछ पैसों का डिस्काउंट डिस्कॉम देता है. वहीं स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ता प्रतिदिन खर्च होने वाली बिजली पर भी निगरानी रख सकता है, साथ ही छोटी मोटी शिकायतों के लिए उसे संबंधित एईएन और जेईएन कार्यालय नहीं जाना पड़ता.

जयपुर. जयपुर डिस्कॉम ने बिजली उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए (Smart meter will prevent electricity theft) हैं ताकि बिजली चोरी की समस्या को खत्म किया जा सके. इन मीटर के जरिए बिजली चोरी की समस्या को भी डिस्कॉम ने दूर कर दिया. डिस्कॉम ने बिजली चोरी के आकंड़ों को जानने के लिए डाटा एनालिसिस सेल शुरुआत की है.

दरअसल जयपुर शहर में करीब सवा दो लाख बिजली उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगा हुआ है. स्मार्ट मीटर से बिजली उपभोक्ताओं और डिस्कॉम के लिए कई फायदे हैं, लेकिन दोनों ही इसका पूरा लाभ नहीं ले पा रहे थे. खास तौर पर डिस्कॉम इन स्मार्ट मीटर से मिलने वाले आंकड़े के लिहाज से सिस्टम में सुधार को लेकर अब तक जागरूक नहीं हुआ था, लेकिन अब इस दिशा में काम शुरू हुआ है. जयपुर शहर में इसके लिए डाटा एनालिसिस सेल का गठन किया गया है जिसमें इंजीनियर और अकाउंट से जुड़े ऑफिसर को भी तैनात किया गया है.

अधीक्षण अभियंता ए.के. त्यागी का बयान

पढ़ें: जोधपुर डिस्कॉम का सतर्कता अभियान: बिजली चोरी और दुरूपयोग के 1740 मामले पकडे़

डाटा एनालिसिस सेल का यह होगा काम: जयपुर शहर डिस्कॉम अधीक्षण अभियंता एके त्यागी के अनुसार डाटा एनालिसिस सेल बनाने का मकसद स्मार्ट मीटर से मिलने वाले आंकड़ों के जरिए बिजली के सिस्टम में सुधार करना है. उन्होंने बताया कि जयपुर शहर में जिन इलाकों में उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं. उस फीडर में ट्रांसफार्मर तक पहुंचने वाली बिजली और ट्रांसफार्मर से आम उपभोक्ताओं के घर पहुंचने वाली बिजली के बीच का अंतर इस नई तकनीक के जरिए जुटाया जाएगा. इसका फायदा यह होगा की डिस्कॉम को यह पता चल पाएगा कि किस इलाके में कितनी बिजली की छीजत (मिसयूज) या फिर कहें चोरी हो रही है. इसकी जानकारी मिलने के बाद डिस्कॉम उस क्षेत्र विशेष में विशेष निगरानी या अभियान चलाकर यह छीजत और चोरी की घटनाओं को रोक सकता है. इस सिस्टम के तहत ट्रांसफार्मर पर भी एक मशीन लगाई जाएगी जो डाटा एनालिसिस सेल से जुड़ी होगी.

प्रतिदिन और साप्ताहिक आंकड़ों की होगी तुलना: डाटा एनालिसिस सेल में प्रतिदिन और साप्ताहिक आंकड़ों को एकत्रित कर उसकी तुलना की जाएगी. इसके लिए डाटा एनालिसिस सेल में संबंधित कर्मचारी निगरानी भी रखेंगे और उसकी सूचना डिपार्टमेंट तक और संबंधित उपखंड इंजीनियर तक दी जाएगी.

स्मार्ट मीटर के यह फायदे: जिन उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगा है वहां पोस्टपेड के अलावा प्रीपेड कनेक्शन भी लिया जा सकता है. जिसमें एडवांस में जितनी बिजली चाहिए उतना पैसा जमा कराकर इस्तेमाल किया जा सकता है. इस पर प्रति यूनिट कुछ पैसों का डिस्काउंट डिस्कॉम देता है. वहीं स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ता प्रतिदिन खर्च होने वाली बिजली पर भी निगरानी रख सकता है, साथ ही छोटी मोटी शिकायतों के लिए उसे संबंधित एईएन और जेईएन कार्यालय नहीं जाना पड़ता.

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