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विद्युत दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए डिस्काॅम ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश - जयपुर न्यूज

जयपुर डिस्कॉम ने एक बार फिर जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं. जयपुर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने इनकी पालना सुनिश्चित करने के लिए अभियंताओं और श्रमिकों को निर्देश दिए हैं.

electrical accidents in jaipur, DISCOM issued guidelines
डिस्काॅम ने जारी किए दिशा-निर्देश
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Published : Jun 22, 2020, 10:36 PM IST

जयपुर. प्रदेश में विद्युत जनित्र दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जयपुर डिस्कॉम ने एक बार फिर जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं. जयपुर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने इनकी पालना सुनिश्चित करने के लिए अभियंताओं और श्रमिकों को निर्देश दिए हैं.

गुप्ता ने बताया कि विद्युत दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए डिस्काॅम की ओर से समय पर सुरक्षा निर्देश जारी किए जाते रहे हैं. लेकिन डिस्काॅम स्तर पर यह जानकारी प्राप्त होती रहती है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से इन सुरक्षा निर्देशों की पूर्ण रूप से पालना नहीं होने के कारण विद्युत दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं.

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की विद्युत दुर्घटनाओं का मूल कारण कार्य के दौरान सुरक्षा साधनों का प्रयोग नहीं करना और सुरक्षा निर्देशों की उचित पालना नहीं करना रहता है. इसके साथ ही दुर्घटना के अन्य प्रमुख कारण के अंतर्गत संबंधित सब-स्टेशन से शटडाउन लेने-देने की प्रक्रिया में बरती गई असावधानी/लापरवाही और कार्यस्थल पर लाइन का अर्थिंग नहीं करना भी रहता है.

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ये है सुरक्षित कार्य प्रणाली

विद्युत लाइनों और उपकरणों पर कार्य करते समय सहायक अभियंता/कनिष्ठ अभियंता और श्रमिकों की ओर से सावधानियां बरती जाए और 'परमिट टू वर्क' प्रक्रिया के अंतर्गत निर्धारित प्रपत्र में शटडाउन लेने या देने वाले कर्मचारी/अधिकारी का पूर्ण नाम, पद नाम और सही समय का ब्योरा अंकित किया जाए.

साथ ही लिखित में शटडाउन 'परमिट टू वर्क' प्राप्त करने के बाद ही विद्युत लाइनों और उपकरणों पर कार्य किया जाए. पोल पर चढ़ते समय सेफ्टी बेल्ट का उपयोग अवश्य करें. चालू एलटी लाइन पर काम करते समय इन्सूलेटेड प्लायर और रबर के दस्ताने जरूर काम में ले. अंडरग्राउंड केबल पर कार्य करने से पूर्व उद्गम स्थान से डिस्कनेक्ट कर अर्थिंग करना और नंगे हाथ से कभी भी अर्थ नहीं लगाए या हटाए.

पढ़ें- भीलवाड़ा प्रभारी सचिव का दावा, तुलसी की चाय पीने से नहीं होगा कोरोना

पोल पर सीढी की मदद से ही चढे़ं और प्रत्येक वोल्टेज को खतरनाक समझकर पूर्ण सावधानी से कार्य करें. साथ ही जिन खंभों पर डबल करंट उपलब्ध है, वहां पर रिफ्लेक्टर कलर से डबल करंट की चेतावनी लिखी जाए. ड्राॅप आउट फ्यूज और हाॅर्न गैप फ्यूज लगाते समय सुनिश्चित किया जाए कि विद्युत प्रवाह विच्छेद कर दिया गया है.

जी.ओ काटने के पश्चात यह सुनिश्चित किया जाए कि इसकी सभी ब्लेडों में विद्युत प्रवाह विच्छेद हो गया है. इसके साथ ही 33/11 केवी सब-स्टेशन तथा अन्य निर्धारित स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और निषेध क्षेत्र में आम नागरिकों को प्रवेश करने से रोका जाए.

जयपुर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक एके गुप्ता की ओर से यह साफ कर दिया गया है की डिस्काॅम की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए. साथ ही भविष्य में इन निर्देशों की पालना नहीं किए जाने पर अगर कोई विद्युत दुर्घटना घटित होती है, तो संबंधित कर्मचारी के साथ ही कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी.

जयपुर. प्रदेश में विद्युत जनित्र दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जयपुर डिस्कॉम ने एक बार फिर जीरो एक्सीडेंट के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं. जयपुर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने इनकी पालना सुनिश्चित करने के लिए अभियंताओं और श्रमिकों को निर्देश दिए हैं.

गुप्ता ने बताया कि विद्युत दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए डिस्काॅम की ओर से समय पर सुरक्षा निर्देश जारी किए जाते रहे हैं. लेकिन डिस्काॅम स्तर पर यह जानकारी प्राप्त होती रहती है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से इन सुरक्षा निर्देशों की पूर्ण रूप से पालना नहीं होने के कारण विद्युत दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं.

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की विद्युत दुर्घटनाओं का मूल कारण कार्य के दौरान सुरक्षा साधनों का प्रयोग नहीं करना और सुरक्षा निर्देशों की उचित पालना नहीं करना रहता है. इसके साथ ही दुर्घटना के अन्य प्रमुख कारण के अंतर्गत संबंधित सब-स्टेशन से शटडाउन लेने-देने की प्रक्रिया में बरती गई असावधानी/लापरवाही और कार्यस्थल पर लाइन का अर्थिंग नहीं करना भी रहता है.

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ये है सुरक्षित कार्य प्रणाली

विद्युत लाइनों और उपकरणों पर कार्य करते समय सहायक अभियंता/कनिष्ठ अभियंता और श्रमिकों की ओर से सावधानियां बरती जाए और 'परमिट टू वर्क' प्रक्रिया के अंतर्गत निर्धारित प्रपत्र में शटडाउन लेने या देने वाले कर्मचारी/अधिकारी का पूर्ण नाम, पद नाम और सही समय का ब्योरा अंकित किया जाए.

साथ ही लिखित में शटडाउन 'परमिट टू वर्क' प्राप्त करने के बाद ही विद्युत लाइनों और उपकरणों पर कार्य किया जाए. पोल पर चढ़ते समय सेफ्टी बेल्ट का उपयोग अवश्य करें. चालू एलटी लाइन पर काम करते समय इन्सूलेटेड प्लायर और रबर के दस्ताने जरूर काम में ले. अंडरग्राउंड केबल पर कार्य करने से पूर्व उद्गम स्थान से डिस्कनेक्ट कर अर्थिंग करना और नंगे हाथ से कभी भी अर्थ नहीं लगाए या हटाए.

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पोल पर सीढी की मदद से ही चढे़ं और प्रत्येक वोल्टेज को खतरनाक समझकर पूर्ण सावधानी से कार्य करें. साथ ही जिन खंभों पर डबल करंट उपलब्ध है, वहां पर रिफ्लेक्टर कलर से डबल करंट की चेतावनी लिखी जाए. ड्राॅप आउट फ्यूज और हाॅर्न गैप फ्यूज लगाते समय सुनिश्चित किया जाए कि विद्युत प्रवाह विच्छेद कर दिया गया है.

जी.ओ काटने के पश्चात यह सुनिश्चित किया जाए कि इसकी सभी ब्लेडों में विद्युत प्रवाह विच्छेद हो गया है. इसके साथ ही 33/11 केवी सब-स्टेशन तथा अन्य निर्धारित स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और निषेध क्षेत्र में आम नागरिकों को प्रवेश करने से रोका जाए.

जयपुर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक एके गुप्ता की ओर से यह साफ कर दिया गया है की डिस्काॅम की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए. साथ ही भविष्य में इन निर्देशों की पालना नहीं किए जाने पर अगर कोई विद्युत दुर्घटना घटित होती है, तो संबंधित कर्मचारी के साथ ही कनिष्ठ अभियंता और सहायक अभियंता की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी.

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