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द्रव्यवती कॉन्ट्रैक्टर्स के बकाया मामले का बातचीत के जरिए निकालें हल: मंत्री शांति धारीवाल - matter controversial

राजस्थान की द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट के 200 कॉन्ट्रैक्टर्स के बकाया भुगतान का मामला यूडीएच मंत्री तक पहुंच चुका है. मामले में मंत्री ने बातचीत के जरिए हल निकालने के निर्देश दिए हैं.

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Published : Aug 18, 2019, 5:00 PM IST

जयपुर. प्रदेश की पिछली सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा. संबंधित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड काम को लेकर कोताही बरत रही है. आलम ये है कि इस कंपनी की ओर से द्रव्यवती का काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स के करीब 120 करोड़ रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया. और अब नए कॉन्ट्रैक्टर्स से काम कराया जा रहा है.

द्रव्यवती कॉन्ट्रैक्टर्स के बकाया मामले का बातचीत के जरिए निकालें हल

अब तक काम कर रहे प्रदेश के 200 कॉन्ट्रैक्टर्स में आक्रोश व्याप्त है. हालांकि इस संबंध में जेडीए प्रशासन ने अपना बयान जारी करते हुए कॉन्ट्रैक्टर्स को दिया गया काम अधूरा होने की बात कही है. वहीं ये मामला अब यूडीएच मंत्री के संज्ञान में लाया गया है.

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जिस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर्स के 120 करोड़ बकाया का मामला विवादास्पद है. ऐसे में उन्होंने जेडीए के अधिकारियों के साथ बैठकर मामले का हल निकालने को कहा है. मंत्री ने बताया की कॉन्ट्रैक्टर्स कहते हैं कि उन्हें एक्स्ट्रा काम बता दिया गया और जेडीए कहता है कि अभी काफी काम बाकी है. ऐसे में बैठकर ही इस विवाद हल निकाला जा सकता है

जयपुर. प्रदेश की पिछली सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा. संबंधित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड काम को लेकर कोताही बरत रही है. आलम ये है कि इस कंपनी की ओर से द्रव्यवती का काम करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स के करीब 120 करोड़ रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया. और अब नए कॉन्ट्रैक्टर्स से काम कराया जा रहा है.

द्रव्यवती कॉन्ट्रैक्टर्स के बकाया मामले का बातचीत के जरिए निकालें हल

अब तक काम कर रहे प्रदेश के 200 कॉन्ट्रैक्टर्स में आक्रोश व्याप्त है. हालांकि इस संबंध में जेडीए प्रशासन ने अपना बयान जारी करते हुए कॉन्ट्रैक्टर्स को दिया गया काम अधूरा होने की बात कही है. वहीं ये मामला अब यूडीएच मंत्री के संज्ञान में लाया गया है.

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जिस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर्स के 120 करोड़ बकाया का मामला विवादास्पद है. ऐसे में उन्होंने जेडीए के अधिकारियों के साथ बैठकर मामले का हल निकालने को कहा है. मंत्री ने बताया की कॉन्ट्रैक्टर्स कहते हैं कि उन्हें एक्स्ट्रा काम बता दिया गया और जेडीए कहता है कि अभी काफी काम बाकी है. ऐसे में बैठकर ही इस विवाद हल निकाला जा सकता है

Intro:जयपुर - द्रव्यवती नदी का काम कर रहे प्रदेश के 200 कॉन्टैक्टर्स का 120 करोड़ रुपए बकाया का आरोप है। वहीं जेडीए उनको दिया हुआ काम अधूरा होने की बात कहती है। ऐसे में अब ये मामला यूडीएच मंत्री तक जा पहुंचा है। उन्होंने इसे विवादास्पद बताते हुए बैठकर हल निकालने के निर्देश दिए हैं।


Body:पिछली सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट द्रव्यवती नदी सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने का नाम नहीं ले रहा। संबंधित कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड काम को लेकर कोताही बरत रही है। आलम ये है कि इस कंपनी की ओर से द्रव्यवती का काम करने वाले कॉन्टैक्टर्स के करीब 120 करोड़ रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया। और अब नए कॉन्ट्रैक्टर्स से काम कराया जा रहा है। जिसे लेकर अब तक काम कर रहे प्रदेश के 200 कांट्रैक्टर्स में आक्रोश व्याप्त है। हालांकि इस संबंध में जेडीए प्रशासन ने अपना बयान जारी करते हुए कॉन्टैक्टर्स को दिया गया काम अधूरा होने की बात कही। वहीं ये मामला अब यूडीएच मंत्री के संज्ञान में लाया गया है। जिस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कांट्रैक्टर्स के 120 करोड़ बकाया का मामला विवादास्पद है। ऐसे में उन्हें जेडीए के अधिकारियों के साथ बैठकर मामले का हल निकालने को कहा है। मंत्री ने बताया की कॉन्टैक्टर्स कहते हैं कि उन्हें एक्स्ट्रा काम बता दिया गया, और जेडीए कहता है कि अभी काफी काम बाकी है। ऐसे में बैठकर की ही इस विवाद को किसी निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सकता है।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री


Conclusion:वाकई, द्रव्यवती नदी का काम तो काफी अधूरा है। और ये बात भी तय है कि कांट्रैक्टर्स का बकाया भी लंबित चल रहा है। लेकिन इन सब का हल तभी निकलेगा जब जेडीए, कॉन्ट्रैक्टर और टाटा कंपनी बैठकर तमाम बिंदुओं पर चर्चा करे।
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