हैदराबाद. कोरोना महामारी के खिलाफ जारी वैश्विक जंग में अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना वैक्सीन के आयात को भारतीय औषधि नियामक ने मंजूरी दे दी है. फाइजर कंपनी की इस वैक्सीन को भारत में सिपला कंपनी को आयात सप्लाई की अनुमति दी गई है. इसी के साथ मॉडर्ना भारत में उपलब्ध होने वाला चौथा वैक्सीन होगा. इससे पहले रूस की स्पूतनिक V के अलावा भारत की स्वदेशी कोविशील्ड और को-वैक्सीन के टीके उपलब्ध हैं.
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कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच मॉडर्ना के आयात को मंजूरी से भारत में टीकाकरण तेजी से हो सकेगा. 135 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश भारत में पहले से मौजूद तीन वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं होने के चलते अधिकांश लोग इससे वंचित रह रहे हैं.
जानकारी के अनुसार मॉडर्ना आयात की मंजूरी केवल इमरजेंसी हालात में प्रतिबंधित इस्तेमाल के लिए मिली है. मॉर्डना की दो डोज लगवाना जरूरी होता है. इसे 18 साल या फिर उससे अधिक उम्र वाले लोगों को लगाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक डीजीसीआई ने फिलहाल मॉडर्ना की वैक्सीन 'कोवाक्स' की 75 लाख खुराक आयात करने की अनुमति दी है.
हालांकि हाल ही में यूरोपीय औषधि एजेंसी ने 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना कंपनी के कोविड रोधी टीके को मंजूरी देने का निर्णय किया है. यह पहली बार है जब टीके को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुमति मिली है. उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अब तक 12 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए अब तक फाइजर और इसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक का टीका ही एकमात्र विकल्प रहा है.