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सीएम करें हस्तक्षेप, पंचायत सहायकों को शीघ्र दें मानदेय : देवनानी - Panchayati Raj and Education Department

पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायकों को पिछले 6 माह से मानदेय का भुगतान नहीं करने पर इसे राज्य सरकार की असंवेदनशीलता बताया. देवनानी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शीघ्र ही बकाया मानदेय दिलाए जाने की व्यवस्था कराएं.

Chief Minister ashok gahlot,Vasudev Devnani
वासुदेव देवनानी ने कहा कि पंचायत सहायकों को शीघ्र दे मानदेय.
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Published : Nov 26, 2020, 10:54 PM IST

जयपुर. पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायकों को पिछले 6 माह से मानदेय का भुगतान नहीं करने पर इसे राज्य सरकार की असंवेदनशीलता बताया. देवनानी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शीघ्र ही बकाया मानदेय दिलाए जाने की व्यवस्था कराएं.

देवनानी ने एक बयान जारी कर कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय पंचायत सहायकों को 6 हजार रुपये मासिक मानदेय देना शुरू किया गया था, तब से ये राजकीय विद्यालयों और पंचायतों में अपनी सेवाएं निष्ठापूर्वक दे रहे हैं. वर्तमान सरकार ने अपने दो साल के शासनकाल में इनके मानदेय में कोई बढ़ोतरी करने अथवा इन्हें नियमित करने के सम्बंध में कोई कदम उठाया, बल्कि इनको पहले से ही मिल रहे मानदेय का भुगतान भी पिछले 6 माह से अटका रखा है.

पढ़ें- नेतृत्व विहीन कांग्रेस, प्रदेश में भी बस कुछ दिनों की मेहमान- वासुदेव देवनानी

उन्होंने कहा कि मानदेय की अल्प राशि भी नियमित रूप से नहीं मिलने पर प्रदेश में कार्यरत पंचायत सहायक व उनके परिवार किन परिस्थितियों में अपना जीवन यापन कर रहे होंगे यह विचारणीय ही नहीं चिन्तनीय भी है. पिछले 6 माह से इनके मानदेय भुगतान का मामला पंचायतीराज और शिक्षा विभाग के बीच उलझा होना राज्य सरकार के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है. देवनानी ने कहा कि सरकार के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को दो विभागों के बीच उलझे मामले में हस्तक्षेप करते हुए पंचायत सहायकों को मानदेय की बकाया राशि के तत्काल एकमुश्त भुगतान एवं भविष्य में नियमित भुगतान की व्यवस्था करानी चाहिए.

जयपुर. पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायकों को पिछले 6 माह से मानदेय का भुगतान नहीं करने पर इसे राज्य सरकार की असंवेदनशीलता बताया. देवनानी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए शीघ्र ही बकाया मानदेय दिलाए जाने की व्यवस्था कराएं.

देवनानी ने एक बयान जारी कर कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय पंचायत सहायकों को 6 हजार रुपये मासिक मानदेय देना शुरू किया गया था, तब से ये राजकीय विद्यालयों और पंचायतों में अपनी सेवाएं निष्ठापूर्वक दे रहे हैं. वर्तमान सरकार ने अपने दो साल के शासनकाल में इनके मानदेय में कोई बढ़ोतरी करने अथवा इन्हें नियमित करने के सम्बंध में कोई कदम उठाया, बल्कि इनको पहले से ही मिल रहे मानदेय का भुगतान भी पिछले 6 माह से अटका रखा है.

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उन्होंने कहा कि मानदेय की अल्प राशि भी नियमित रूप से नहीं मिलने पर प्रदेश में कार्यरत पंचायत सहायक व उनके परिवार किन परिस्थितियों में अपना जीवन यापन कर रहे होंगे यह विचारणीय ही नहीं चिन्तनीय भी है. पिछले 6 माह से इनके मानदेय भुगतान का मामला पंचायतीराज और शिक्षा विभाग के बीच उलझा होना राज्य सरकार के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है. देवनानी ने कहा कि सरकार के मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री को दो विभागों के बीच उलझे मामले में हस्तक्षेप करते हुए पंचायत सहायकों को मानदेय की बकाया राशि के तत्काल एकमुश्त भुगतान एवं भविष्य में नियमित भुगतान की व्यवस्था करानी चाहिए.

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