जयपुर. देवी भगवती की उपासना के पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratra 2022) का आज मंगलवार को चौथा दिन है. चौथे नवरात्रि को मां भगवती के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा और उपासना की जाती है. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देवी के इस स्वरूप को सूर्य ग्रह से जोड़ा जाता है और सूर्य ग्रह को बुद्धि और आत्मबल का कारक माना जाता है. ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि देवी भगवती के कुष्मांडा स्वरूप (devi kushmanda is worshipped on 4th day of chaitra navratra) को ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूर्य से जोड़ा जाता है और सूर्य को बुद्धि, आत्मबल और पिता का कारक माना जाता है.
ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि जिस जातक की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर या नैसर्गिक अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो उनका आत्मबल और याददाश्त कमजोर होती है. ऐसे जातकों को नवरात्रि के चौथे दिन देवी कुष्मांडा (devi kushmanda is worshipped on 4th day of chaitra navratra) की खास तौर पर उपासना करनी चाहिए.
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ऐसे करें देवी कुष्मांडा की उपासना: सूर्योदय से पूर्व उठने के बाद नित्यकर्मों से निवृत्त होकर मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने देवी कुष्मांडा का ध्यान करें और शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें. चंदन, कुमकुम के साथ देवी को लाल पुष्प अर्पित करें. देवी कुष्मांडा को मालपुए खास प्रिय हैं. इसलिए नैवेद्य के रूप में देवी को मालपुए का भोग लगाएं. इसके बाद देवी कुष्मांडा के बीज मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करें.
यह है मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु कुष्मांडा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः. नवरात्रि के चौथे दिन देवी भगवती को लाल रंग की मिठाई या फल अर्पित करें. इसके बाद जरूरतमंदों को दान दें या भोजन करवाएं. इससे सूर्य ग्रह मजबूत होंगे और उनकी ऊर्जा का विस्तार होगा.