जयपुर. कोविड-19 संक्रमण के बाद राजधानी जयपुर में अब मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. खासकर डेंगू, स्क्रब टायफस और चिकनगुनिया के मामले लगातार बढ़ने लगे हैं. खासकर मानसून सीजन में मौसमी बीमारियों के इन मामलों में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखने को मिली है जिसके बाद चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है.
प्रदेश में भले ही कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हो गए हों लेकिन मानसून में मौसमी बीमारियों के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. राजधानी जयपुर की बात की जाए तो अब तक 300 से अधिक डेंगू के मरीज, 200 से अधिक चिकनगुनिया और 100 से अधिक स्क्रब टायफस के मामले अकेले जयपुर में दर्ज हो चुके हैं.
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इसे लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरोत्तम शर्मा का कहना है कि आमतौर पर मौसमी बीमारियों के मामले मानसून सीजन में देखने को मिलते हैं. ऐसे में चिकित्सा विभाग ने जयपुर में सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है. साथ ही चिकित्सा विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि सप्ताह में एक बार ड्राई डे जरूर मनाएं यानी घर के बर्तनों, कूलर और ऐसी जगह जहां आमतौर पर पानी भरा रहता है उसकी सफाई करें, क्योंकि ठहरे हुए पानी में मच्छरों की संख्या बढ़ती है और यही कारण है कि मानसून में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में बढ़ोतरी होती है.
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राजधानी जयपुर में बढ़ रहे मौसम बीमारियों के मामले
जयपुर में चिकनगुनिया, डेंगू और स्क्रब टायफस के मरीज बढ़े, अब तक जयपुर में 369 डेंगू के मामले में दर्ज, चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या पहुंची 217, 113 मरीज
स्क्रब टायफस के भी अब तक हुए.
ओपीडी में बढ़ रही मरीजों की संख्या
राजधानी जयपुर के सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो बीते 2 महीने में ओपीडी की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर 5 से 6 हजार मरीजों की ओपीडी अस्पताल में हुआ करती है लेकिन मौसमी बीमारियों के बढ़ते मामलों के बाद ओपीडी 7 से 8 हजार तक पहुंच गई है. इसके अलावा जिला अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और सेटेलाइट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.