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मानवता के लिए सभी जीवन रक्षक औषधियों को पेटेंट कानूनों से मुक्त रखा जाए: राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट - rajasthan news

कोरोना काल में किसान महापंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से मानवता के लिए सभी जीवन रक्षक औषधियों को पेटेंट कानून से मुक्त रखने की मांग की गई. किसान महापंचायत वर्चुअल प्लेटफार्म पर हुई बैठक में यह प्रस्ताव सर्व समिति से पारित कर प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया है.

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किसान महापंचायत वर्चुअल प्लेटफार्म
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Published : Jun 1, 2021, 5:48 PM IST

जयपुर. कोरोना महामारी के बीच किसान महापंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से मानवता के लिए सभी जीवन रक्षक औषधियों को पेटेंट कानून से मुक्त रखने की मांग की है. किसान महापंचायत वर्चुअल प्लेटफार्म पर हुई बैठक में यह प्रस्ताव सर्व समिति से पारित कर प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया है.

किसान महापंचायत वर्चुअल प्लेटफार्म

महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के अनुसार महामारी के इस दौर में जीवन रक्षक औषधियों पर पेटेंट कानून होने से इनकी मनमानी कीमतें कंपनियां तय कर रहीं हैं. खासतौर पर कोरोना वैक्सीन ही इसका बड़ा उदाहरण है. जिसे केंद्र सरकार महज डेढ़ सौ रुपए में खरीद रही है तो राज्य सरकारों को यह 300 से ज्यादा कीमत पर खरीदना पड़ रहा है. जाट के अनुसार योजनाएं वहीं श्रेष्ठ होती हैं जो निर्धन और अभावग्रस्त लोगों को कष्टों से छुटकारा दिला सके.

जाट ने कहा कि पेटेंट कानूनों के एकाधिकार के आधार पर 9 नए अरबपति बने हैं, जिनकी संपत्ति 1411. 22 अरब रुपए हैं और पुराने 8 अरबपतियों की संपदा ‌‌‌‌‌‍में 25 खरब रुपए की वृद्धि हुई है. इनमें पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक भारत के साइरस पूनावाला शामिल हैं. जिनकी सम्पति 59,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 92,710 करोड़ रुपए हो गई है. उन्होंने अपना धंधा मानव अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय गारंटीकृत स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन कर किया है. जिन्हें विश्व की बड़ी हस्तियों का अप्रत्यक्ष समर्थन रहा है.

पढ़ें: कोटा: ब्लैक फंगस संक्रमण में नेत्र और ब्रेन की नहीं हो रही सर्जरी... मरीजों की आंख की रोशनी जाने का खतरा

जाट ने मांग कि है कि सरकारों की ओर से चलनी वाली स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का भी समुचित मूल्यांकन किया जाए. जिससे वे औषधियों का मूल्य बढ़ाने में सहायक नहीं बने. वर्चुअल मीटिंग में प्रो. गोपाल मोदानी, सिक्ख न्यूज इंटरनेशनल के मनमोहन सिंह, अन्ना आन्दोलन टीम के राजीव शर्मा, बूंदी से हंसराज मीणा, डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद, युवा किसान महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, महामंत्री पिंटू यादव और जयपुर जिलाध्यक्ष सुखदेव महरिया ने इस प्रस्ताव के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए. मीटिंग के अंत में किसानों के संघर्ष में शहीदों के साथ गुरुग्राम में धरना आरम्भ करने वाले और किसानों के लिए निरंतर समर्पण भाव से संघर्षरत हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के निन्दाना के निवासी रणवीर सिंह राठी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

जयपुर. कोरोना महामारी के बीच किसान महापंचायत में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से मानवता के लिए सभी जीवन रक्षक औषधियों को पेटेंट कानून से मुक्त रखने की मांग की है. किसान महापंचायत वर्चुअल प्लेटफार्म पर हुई बैठक में यह प्रस्ताव सर्व समिति से पारित कर प्रधानमंत्री को प्रेषित किया गया है.

किसान महापंचायत वर्चुअल प्लेटफार्म

महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के अनुसार महामारी के इस दौर में जीवन रक्षक औषधियों पर पेटेंट कानून होने से इनकी मनमानी कीमतें कंपनियां तय कर रहीं हैं. खासतौर पर कोरोना वैक्सीन ही इसका बड़ा उदाहरण है. जिसे केंद्र सरकार महज डेढ़ सौ रुपए में खरीद रही है तो राज्य सरकारों को यह 300 से ज्यादा कीमत पर खरीदना पड़ रहा है. जाट के अनुसार योजनाएं वहीं श्रेष्ठ होती हैं जो निर्धन और अभावग्रस्त लोगों को कष्टों से छुटकारा दिला सके.

जाट ने कहा कि पेटेंट कानूनों के एकाधिकार के आधार पर 9 नए अरबपति बने हैं, जिनकी संपत्ति 1411. 22 अरब रुपए हैं और पुराने 8 अरबपतियों की संपदा ‌‌‌‌‌‍में 25 खरब रुपए की वृद्धि हुई है. इनमें पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक भारत के साइरस पूनावाला शामिल हैं. जिनकी सम्पति 59,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 92,710 करोड़ रुपए हो गई है. उन्होंने अपना धंधा मानव अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय गारंटीकृत स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन कर किया है. जिन्हें विश्व की बड़ी हस्तियों का अप्रत्यक्ष समर्थन रहा है.

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जाट ने मांग कि है कि सरकारों की ओर से चलनी वाली स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का भी समुचित मूल्यांकन किया जाए. जिससे वे औषधियों का मूल्य बढ़ाने में सहायक नहीं बने. वर्चुअल मीटिंग में प्रो. गोपाल मोदानी, सिक्ख न्यूज इंटरनेशनल के मनमोहन सिंह, अन्ना आन्दोलन टीम के राजीव शर्मा, बूंदी से हंसराज मीणा, डॉ. स्वामी रामेश्वरानंद, युवा किसान महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, महामंत्री पिंटू यादव और जयपुर जिलाध्यक्ष सुखदेव महरिया ने इस प्रस्ताव के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए. मीटिंग के अंत में किसानों के संघर्ष में शहीदों के साथ गुरुग्राम में धरना आरम्भ करने वाले और किसानों के लिए निरंतर समर्पण भाव से संघर्षरत हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के निन्दाना के निवासी रणवीर सिंह राठी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

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