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अतिआवश्यक सेवा कर्मचारियों को बीमा दायरे में शामिल करने की मांग - कोरोना लॉकडाउन

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी एकीकृत संयुक्त महासंघ ने कोविड-19 के अंतर्गत अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को बीमा दायरे में शामिल करने की मांग की है. एकीकृत महासंघ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र लिख कर ये मांग रखी है.

कोविड-19, कोरोना वायरस, स्वास्थ्य बीमा
अतिआवश्यक सेवा कर्मचारियों को बीमा दायरे में शामिल करने की मांग
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Published : Apr 14, 2020, 7:37 PM IST

जयपुर. एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने आवश्यक सेवाओं से सीधे तौर पर जुड़े राज्य कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करने के निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही मांग की है कि इसमें अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े जलदाय कर्मचारियों सहित अन्य कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए. क्योंकि यह कर्मचारी संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जनता के बीच काम कर रहे हैं.

अतिआवश्यक सेवा कर्मचारियों को बीमा दायरे में शामिल करने की मांग

इसके अलावा सूचना सहायक और मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी बीमा के दायरे में शामिल किया जाए. इसके साथ ही एकीकृत महासंघ ने कहा कि लॉकडाउन में मुख्यालय से बाहर फंसे कर्मचारियों के लिए जो यथास्थान रहने के निर्देश प्रदान किए गए हैं, उससे कर्मचारियों को काफी राहत मिली है. इससे प्रभावित जिलों का संक्रमण अन्य जिलों में नहीं पहुंचेगा.

पढ़ें: SPECIAL: पति मेडिकल सेवा में, पत्नी पुलिस में और 7 साल की बेटी घर में कैद...कुछ ऐसी है कोरोना वॉरियर्स की कहानी...

राठौड़ ने फिक्स वेतन प्राप्त राज्य कर्मचारियों के वेतन स्थगित करने के निर्णय को वापस लेने पर भी संतोष जताया है. इसके साथ राज्य कर्मचारियों से संबंधित घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है. साथ ही अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भी बीमा के दायरे में शामिल करने की मांग की है. दरअसल हाल ही में प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोरोना वॉरियर्स का 50 लाख का बीमा करवाने निर्णय लिया. लेकिन सरकार की तरफ से जारी आदेश में इस बात को स्पष्ट नहीं किया गया कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कर्मचारियों को इसमें शामिल किया या नहीं.

जयपुर. एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने आवश्यक सेवाओं से सीधे तौर पर जुड़े राज्य कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा करने के निर्णय का स्वागत किया है. साथ ही मांग की है कि इसमें अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े जलदाय कर्मचारियों सहित अन्य कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए. क्योंकि यह कर्मचारी संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों में जाकर जनता के बीच काम कर रहे हैं.

अतिआवश्यक सेवा कर्मचारियों को बीमा दायरे में शामिल करने की मांग

इसके अलावा सूचना सहायक और मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी बीमा के दायरे में शामिल किया जाए. इसके साथ ही एकीकृत महासंघ ने कहा कि लॉकडाउन में मुख्यालय से बाहर फंसे कर्मचारियों के लिए जो यथास्थान रहने के निर्देश प्रदान किए गए हैं, उससे कर्मचारियों को काफी राहत मिली है. इससे प्रभावित जिलों का संक्रमण अन्य जिलों में नहीं पहुंचेगा.

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राठौड़ ने फिक्स वेतन प्राप्त राज्य कर्मचारियों के वेतन स्थगित करने के निर्णय को वापस लेने पर भी संतोष जताया है. इसके साथ राज्य कर्मचारियों से संबंधित घोषणाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया है. साथ ही अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भी बीमा के दायरे में शामिल करने की मांग की है. दरअसल हाल ही में प्रदेश की गहलोत सरकार ने कोरोना वॉरियर्स का 50 लाख का बीमा करवाने निर्णय लिया. लेकिन सरकार की तरफ से जारी आदेश में इस बात को स्पष्ट नहीं किया गया कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कर्मचारियों को इसमें शामिल किया या नहीं.

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