ETV Bharat / city

निकायों की कच्ची बस्तियों में बने पक्के मकानों को डिनोटिफाई करने की उठी मांग

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत राज्य सरकार ने 10 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य रखा है. वहीं शहर में कच्ची बस्तियों में पक्के मकान बन जाने के बाद अब इन बस्तियों को डिनोटिफाई करने की डिमांड उठ रही है.

author img

By

Published : Jul 10, 2021, 8:00 PM IST

jaipur news,  rajasthan news
निकायों की कच्ची बस्तियों में बने पक्के मकानों को डिनोटिफाई करने की उठी मांग

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान में राज्य सरकार ने 10 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य रखा है. जिसमें सरकार पुरानी बसावट वाले क्षेत्रों में पट्टे देना चाहती है. फिर चाहे वो मिश्रित भू-उपयोग के हो या फिर आवासीय. इसके साथ ही शहर में बसी कच्ची बस्तियों में पक्के मकान बन जाने के बाद अब इन बस्तियों को डिनोटिफाई करने की डिमांड उठ रही है.

पढे़ं: गहलोत हिंदुस्तान के पहले मुख्यमंत्री जो 15 महीने तक क्वॉरेंटाइन रहेः गुलाबचंद कटारिया

शहरी क्षेत्रों में कच्ची बस्तियों में बीते एक दशक में पक्के मकान बनकर तैयार हो गए हैं. ऐसे में अब कच्ची बस्तियों को डिनोटिफाई कर सामान्य आवासीय क्षेत्रों में शुमार करने की मांग उठ रही है. ताकि यहां रह रहे लोगों को अपने आवास के आधार पर बैंक लोन जैसी सुविधाएं मिल सकें. इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी ने बताया कि कच्ची बस्तियों का सर्वे पुराना है. आलम ये है कि वहां पक्के मकान बन गए हैं. ऐसे में लोगों की डिमांड है कि इन्हें डिनोटिफाई किया जाए. इस संबंध में राज्य सरकार अपने स्तर पर निर्णय लेगी.

कच्ची बस्तियों में बने पक्के मकानों को डिनोटिफाई करने की उठी मांग

राजस्थान में करीब 27 हजार वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्र है. जिसमें से एक चौथाई पुरानी आबादी का है. यहां औसतन 50 हजार व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर आंकड़ा है. राजधानी में ये आंकड़ा करीबन 1 लाख व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर का है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेशभर में 35 लाख भूखंड मिश्रित उपयोग के हैं, जिनके पास पट्टे नहीं हैं. हालांकि इस बार प्रशासन शहरों के संग अभियान में इनमें से तकरीबन 20 फीसदी मामलों का निस्तारण होने की संभावना है.

राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 69ए के तहत ऐसे लोग जो घनी आबादी में रह रहे हैं और उनके पास पट्टे नहीं हैं, उन्हें लीगल टाइटल देने की कवायद की जाएगी. जल्द ही सभी निकायों में टेंडर कर ड्रोन सर्वे भी कराया जाएगा. और इस बार अभियान भी तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा. बहरहाल, ये काम राज्य सरकार ने 14 वर्किंग ग्रुप और एक कोर ग्रुप को सौंपा है. इन ग्रुप्स में निकायों से संबंधित अधिकारी शामिल हैं और समन्वयक की भूमिका खुद डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी निभाएंगे.

जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान में राज्य सरकार ने 10 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य रखा है. जिसमें सरकार पुरानी बसावट वाले क्षेत्रों में पट्टे देना चाहती है. फिर चाहे वो मिश्रित भू-उपयोग के हो या फिर आवासीय. इसके साथ ही शहर में बसी कच्ची बस्तियों में पक्के मकान बन जाने के बाद अब इन बस्तियों को डिनोटिफाई करने की डिमांड उठ रही है.

पढे़ं: गहलोत हिंदुस्तान के पहले मुख्यमंत्री जो 15 महीने तक क्वॉरेंटाइन रहेः गुलाबचंद कटारिया

शहरी क्षेत्रों में कच्ची बस्तियों में बीते एक दशक में पक्के मकान बनकर तैयार हो गए हैं. ऐसे में अब कच्ची बस्तियों को डिनोटिफाई कर सामान्य आवासीय क्षेत्रों में शुमार करने की मांग उठ रही है. ताकि यहां रह रहे लोगों को अपने आवास के आधार पर बैंक लोन जैसी सुविधाएं मिल सकें. इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी ने बताया कि कच्ची बस्तियों का सर्वे पुराना है. आलम ये है कि वहां पक्के मकान बन गए हैं. ऐसे में लोगों की डिमांड है कि इन्हें डिनोटिफाई किया जाए. इस संबंध में राज्य सरकार अपने स्तर पर निर्णय लेगी.

कच्ची बस्तियों में बने पक्के मकानों को डिनोटिफाई करने की उठी मांग

राजस्थान में करीब 27 हजार वर्ग किलोमीटर शहरी क्षेत्र है. जिसमें से एक चौथाई पुरानी आबादी का है. यहां औसतन 50 हजार व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर आंकड़ा है. राजधानी में ये आंकड़ा करीबन 1 लाख व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर का है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेशभर में 35 लाख भूखंड मिश्रित उपयोग के हैं, जिनके पास पट्टे नहीं हैं. हालांकि इस बार प्रशासन शहरों के संग अभियान में इनमें से तकरीबन 20 फीसदी मामलों का निस्तारण होने की संभावना है.

राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 69ए के तहत ऐसे लोग जो घनी आबादी में रह रहे हैं और उनके पास पट्टे नहीं हैं, उन्हें लीगल टाइटल देने की कवायद की जाएगी. जल्द ही सभी निकायों में टेंडर कर ड्रोन सर्वे भी कराया जाएगा. और इस बार अभियान भी तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन किया जाएगा. बहरहाल, ये काम राज्य सरकार ने 14 वर्किंग ग्रुप और एक कोर ग्रुप को सौंपा है. इन ग्रुप्स में निकायों से संबंधित अधिकारी शामिल हैं और समन्वयक की भूमिका खुद डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी निभाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.