जयपुर. राजस्थान के थर्ड ग्रेड शिक्षकों की उम्मीदों पर (Rajasthan Third Grade Transfer Policy) पानी फेर चुकी राज्य सरकार से एक बार फिर तबादलों को लेकर गुहार लगाई जा रही है. इसके साथ ही टीएसपी क्षेत्र में लगे शिक्षकों का गृह जिलों में समायोजन करने को लेकर भी कर्मचारी संगठन लामबंद हुए हैं. शिक्षकों के समर्थन में उतरे अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नई भर्ती से पहले करने पर जोर दिया है.
संगठन के महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों का कैडर जिला स्तर का है. यदि नई भर्तियों से ये सीटें भर गई, तो जिले में सीटें ही नहीं बचेंगी और फिर स्थानांतरण किस आधार पर होंगे. वहीं, राजस्थान के 10 प्रतिबंधित जिले के शिक्षकों के 10 साल से स्थानांतरण नहीं हुए हैं. इनमें टीएसपी क्षेत्र में जो टीचर से लगे हुए हैं, वो तो दोहरी मार झेल रहे हैं. ना तो उन्हें पदोन्नति दी जा रही और ना ही उनका गृह जिले में समायोजन किया जा रहा. जबकि दूसरे विभागों के कर्मचारियों का समायोजन हो चुका है. ऐसे करीब 2400 शिक्षक हैं, जो अभी भी समायोजन का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये काम राज्य सरकार नई भर्तियों से पहले करें और यदि सरकार उनकी मांग नहीं सुनी जाती है तो शिक्षकों के साथ कर्मचारी संगठन भी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.
आपको बता दें कि राजस्थान में अगस्त 2021 को थर्ड ग्रेड शिक्षकों तबादलों के लिए (Ban on Transfers of Third Grade Teachers) आवेदन आमंत्रित किए थे. 8 अगस्त से 25 अगस्त तक करीब 85 हजार शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किए थे, लेकिन इसके बाद भी उनके तबादले नहीं किए गए. शिक्षामंत्री तबादला नीति पारित होने के बाद ही थर्ड ग्रेड के शिक्षकों का तबादला किए जाने की बात कहते रहे.
इस घोषणा के बाद 85 हजार आवेदन रद्दी हो गए. हालांकि, दो महीने पहले तबादले की राह (Education System in Rajasthan) खुली तो शिक्षा मंत्री ने थर्ड ग्रेड शिक्षकों के जिले के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर तबादले होने की घोषणा की थी. लेकिन अब इस पर भी रोक लगा दी गई है, जबकि टीएसपी और प्रतिबंधित जिलों के स्थानांतरण को तो 10 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है.