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75 करोड़ के लोन का झांसा देकर ठग लिए 4 करोड़ रुपए, कारोबारी सहित 3 लोग जयपुर से गिरफ्तार

75 करोड़ के लोन का झांसा देकर 4 करोड़ रुपए ठगने वाले कारोबारी को दिल्ली पुलिस ने जयपुर से गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी के साथ दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है.

accused of fraudery arrested in Jaipur, राजस्थान न्यूज
ठगी का आरोपी जयपुर से गिरफ्तार
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Published : Aug 18, 2020, 8:05 AM IST

जयपुर/नई दिल्लीः दिल्ली के एक डॉक्टर को 75 करोड़ का लोन देने के नाम पर कारोबारी ने उनसे 4.25 करोड़ रुपये ठग लिए. इसके बाद वह उन्हें टालने लगा. आर्थिक अपराध शाखा ने जब इस घटना को लेकर मामला दर्ज किया तो कारोबारी फरार हो गया. आरोपी अपने दो सहयोगियों के साथ जयपुर में छुपा था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

ठगी का आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार फोकस इमेजिंग एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रशांत सरीन ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि जुलाई 2018 में वह एक दोस्त के माध्यम से संजय सक्सेना से मिले, जिसने खुद को सोने एवं हीरे का बड़ा कारोबारी बताया.

उसने बताया कि वह बड़ी-बड़ी कंपनियों को लोन देता है और वह उन्हें 8 फीसदी ब्याज पर 75 करोड़ का लोन दिलवा सकता है. कई बैठक के बाद उसने बताया कि वह अपनी कंपनी एल डी ग्रुप के नाम से उनकी कंपनी को पहले 35 करोड़ और बाद में 40 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगा. लेकिन इसके लिए उन्हें स्टांप पेपर लेना होगा.

डॉक्टर से ले लिए 4.25 करोड़ रुपये

लोन के दस्तावेज तैयार करने के नाम पर इनके बीच एग्रीमेंट हुआ, जिसमें 7 साल के लिए 6 फीसदी ब्याज पर पैसा देने की बात तय हुई. उनसे स्टांप पेपर के नाम पर संजय ने एडवांस ले लिया और बाद में उन्हें बताया कि उनका बैंक खाता फ्रीज हो गया है. इसके बाद इनकम टैक्स सेटेलमेंट के नाम पर भी उनसे रुपये ले लिए. संजय सक्सेना ने उनसे लगभग 4.25 करोड़ रुपये ले लिए.

यह भी पढ़ें. चूरू: डीजे संचालक के साथ मारपीट करने वाले आरोपी गिरफ्तार, 5 महीने से थे फरार

पूछताछ के दौरान संजय सक्सेना ने पुलिस को बरगलाने की काफी कोशिश की. जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने इस बाबत मामला दर्ज किया. उन्हें पता चला कि प्रशांत सरीन ने आरटीजीएस के माध्यम से 3.85 करोड़ रुपये आरोपी के बैंक खाते में भेजे हैं. यह भी पता चला कि शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर खाली दस्तावेजों पर लिए गए हैं.

यह भी पढ़ें. भीलवाड़ा: तहसीलदार के नाम पर रिश्वत लेते दलाल को ACB ने किया गिरफ्तार

मामला दर्ज होते ही संजय सक्सेना परिवार सहित फरार हो गया. एसीपी वीरेंद्र सिंह सजवान की देखरेख में एसआई शिखर और प्रदीप की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन वह हर बार अपना ठिकाना बदल रहा था लेकिन आखिरकार संजय सक्सेना को पुलिस ने मनोज मिश्रा और रोमी चौहान के साथ जयपुर से पकड़ लिया.

यह दोनों आरोपी उसे छुपाने में मदद कर रहे थे. गिरफ्तार किया गया आरोपी संजय सक्सेना राजौरी गार्डन में लंदन डायमंड ग्रुप के नाम से कारोबार करता है. वह बेहद ही मौज मस्ती से जीवन बिताता है. वह पहले भी ठगी और हत्या प्रयास के मामले में शामिल रहा है. उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसकी 3 दिन की पुलिस रिमांड ली गई है.

जयपुर/नई दिल्लीः दिल्ली के एक डॉक्टर को 75 करोड़ का लोन देने के नाम पर कारोबारी ने उनसे 4.25 करोड़ रुपये ठग लिए. इसके बाद वह उन्हें टालने लगा. आर्थिक अपराध शाखा ने जब इस घटना को लेकर मामला दर्ज किया तो कारोबारी फरार हो गया. आरोपी अपने दो सहयोगियों के साथ जयपुर में छुपा था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

ठगी का आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार फोकस इमेजिंग एंड रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक प्रशांत सरीन ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि जुलाई 2018 में वह एक दोस्त के माध्यम से संजय सक्सेना से मिले, जिसने खुद को सोने एवं हीरे का बड़ा कारोबारी बताया.

उसने बताया कि वह बड़ी-बड़ी कंपनियों को लोन देता है और वह उन्हें 8 फीसदी ब्याज पर 75 करोड़ का लोन दिलवा सकता है. कई बैठक के बाद उसने बताया कि वह अपनी कंपनी एल डी ग्रुप के नाम से उनकी कंपनी को पहले 35 करोड़ और बाद में 40 करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगा. लेकिन इसके लिए उन्हें स्टांप पेपर लेना होगा.

डॉक्टर से ले लिए 4.25 करोड़ रुपये

लोन के दस्तावेज तैयार करने के नाम पर इनके बीच एग्रीमेंट हुआ, जिसमें 7 साल के लिए 6 फीसदी ब्याज पर पैसा देने की बात तय हुई. उनसे स्टांप पेपर के नाम पर संजय ने एडवांस ले लिया और बाद में उन्हें बताया कि उनका बैंक खाता फ्रीज हो गया है. इसके बाद इनकम टैक्स सेटेलमेंट के नाम पर भी उनसे रुपये ले लिए. संजय सक्सेना ने उनसे लगभग 4.25 करोड़ रुपये ले लिए.

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पूछताछ के दौरान संजय सक्सेना ने पुलिस को बरगलाने की काफी कोशिश की. जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने इस बाबत मामला दर्ज किया. उन्हें पता चला कि प्रशांत सरीन ने आरटीजीएस के माध्यम से 3.85 करोड़ रुपये आरोपी के बैंक खाते में भेजे हैं. यह भी पता चला कि शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर खाली दस्तावेजों पर लिए गए हैं.

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मामला दर्ज होते ही संजय सक्सेना परिवार सहित फरार हो गया. एसीपी वीरेंद्र सिंह सजवान की देखरेख में एसआई शिखर और प्रदीप की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन वह हर बार अपना ठिकाना बदल रहा था लेकिन आखिरकार संजय सक्सेना को पुलिस ने मनोज मिश्रा और रोमी चौहान के साथ जयपुर से पकड़ लिया.

यह दोनों आरोपी उसे छुपाने में मदद कर रहे थे. गिरफ्तार किया गया आरोपी संजय सक्सेना राजौरी गार्डन में लंदन डायमंड ग्रुप के नाम से कारोबार करता है. वह बेहद ही मौज मस्ती से जीवन बिताता है. वह पहले भी ठगी और हत्या प्रयास के मामले में शामिल रहा है. उसे अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां से उसकी 3 दिन की पुलिस रिमांड ली गई है.

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