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Gs Sandhu IAS: Ex IAS जीएस संधू सहित 3 अफसरों के खिलाफ केस वापस लेने पर फैसला शुक्रवार को , ACB Court सुनाएगी फैसला

एकल पट्टा प्रकरण (land scam case) जुड़े प्रकरण में Ex IAS जीएस संधू के खिलाफ केस वापस लेने वाली गहलोत सरकार की अर्जी पर एसीबी मामलों की विशेष अदालत अहम फैसला सुनाएगी.

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राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर
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Published : Nov 25, 2021, 10:53 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत (ACB Court) शुक्रवार को एकल पट्टा प्रकरण से जुड़े मामले में पूर्व आईएएस जीएस संधू और और पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर सहित आरएएस औंकार मल सैनी के खिलाफ केस वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी पर फैसला देगी. गहलोत सरकार ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिला की थी. जिसका परिवादी रामशरण सिंह ने विरोध किया है. वहीं अदालत संधू को अमेरिका जाने संबंधी प्रार्थना पत्र भी शुक्रवार 26 नवंबर को फैसला करेगी.

राज्य सरकार की ओर से अर्जी में कहा गया है कि राज्य स्तरीय कमेटी ने इन तीनों के खिलाफ केस वापस लेने की सिफारिश की है. एसीबी ने भी अनुसंधान में माना है कि मामले में विवादित भूमि सरकारी नहीं है और मूल पट्टेधारियों ने कोई शिकायत नहीं की है. ना ही राज्य सरकार या जेडीए ने एसीबी में कोई शिकायत दी थी.

पढ़ें. Ex IAS जीएस संधू ने यूडीएच विभाग के सलाहकार का संभाला पदभार, विभागीय अधिकारियों से की व्यापक चर्चा

इसके अलावा तीनों अफसरों के खिलाफ भी कोई शिकायत नहीं है.उनका नाम एफआईआर में नहीं है. ऐसे मामलों में अनावश्यक तौर पर अभियोजन का सामना करने से राज्य के अफसरों का मनोबल गिरेगा, जो जनहित में नहीं होगा. इसलिए इनके खिलाफ लंबित केस वापस लेने की अनुमति दी जाए. जिसका विरोध करते हुए परिवादी रामशरण सिंह की ओर से कहा गया कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है. एसीबी ने अनुसंधान कर तीनों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था, लेकिन अब एसीबी सरकार के इशारे पर केस वापस लेना चाहती है. हाईकोर्ट भी संधू के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए पेश याचिका को खारिज कर चुका है. ऐसे में एसीबी को केस वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत (ACB Court) शुक्रवार को एकल पट्टा प्रकरण से जुड़े मामले में पूर्व आईएएस जीएस संधू और और पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर सहित आरएएस औंकार मल सैनी के खिलाफ केस वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी पर फैसला देगी. गहलोत सरकार ने केस वापस लेने की अर्जी दाखिला की थी. जिसका परिवादी रामशरण सिंह ने विरोध किया है. वहीं अदालत संधू को अमेरिका जाने संबंधी प्रार्थना पत्र भी शुक्रवार 26 नवंबर को फैसला करेगी.

राज्य सरकार की ओर से अर्जी में कहा गया है कि राज्य स्तरीय कमेटी ने इन तीनों के खिलाफ केस वापस लेने की सिफारिश की है. एसीबी ने भी अनुसंधान में माना है कि मामले में विवादित भूमि सरकारी नहीं है और मूल पट्टेधारियों ने कोई शिकायत नहीं की है. ना ही राज्य सरकार या जेडीए ने एसीबी में कोई शिकायत दी थी.

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इसके अलावा तीनों अफसरों के खिलाफ भी कोई शिकायत नहीं है.उनका नाम एफआईआर में नहीं है. ऐसे मामलों में अनावश्यक तौर पर अभियोजन का सामना करने से राज्य के अफसरों का मनोबल गिरेगा, जो जनहित में नहीं होगा. इसलिए इनके खिलाफ लंबित केस वापस लेने की अनुमति दी जाए. जिसका विरोध करते हुए परिवादी रामशरण सिंह की ओर से कहा गया कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है. एसीबी ने अनुसंधान कर तीनों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था, लेकिन अब एसीबी सरकार के इशारे पर केस वापस लेना चाहती है. हाईकोर्ट भी संधू के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए पेश याचिका को खारिज कर चुका है. ऐसे में एसीबी को केस वापस लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

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