जयपुर. यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के हालातों के बाद राजस्थान सरकार ने आगे के लिए सबक ले लिया है. राजस्थान से बाहर पढ़ाई और नौकरी के लिए जाने वाले बच्चों और युवाओं के लिए राजस्थान फाउंडेशन एक केयरटेकर की भूमिका निभाएगा. मुख्य सचिव ने राजस्थान फाउंडेशन को निर्देश दिए कि वह एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार करे, जिससे कि राजस्थान से बाहर जाने वाले बच्चों और युवाओं की पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल (Data collection of Rajasthanis going in foreign countries) सके.
कार्यसमिति की बैठक: राजस्थान फाउंडेशन की 9वीं कार्यकारी समिति की बैठक गुरूवार को हुई. मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि फाउंडेशन को ऐसे प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया जाए, जहां एक क्लिक पर उन तक पहुंचा जा सके. उन्होंने कहा कि पढ़ाई और नौकरी के लिए राजस्थान से बाहर जाने वाले बच्चों और युवाओं के लिए यह फाउंडेशन एक केयर टेकर की भूमिका निभाए. उन्होंने फाउंडेशन की एनआरआर पॉलिसी शीघ्र तैयार करने के निर्देश भी दिये.
यूक्रेन से सबक: बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के बाद यूक्रेन में राजस्थानियों की संख्या और उनके संपर्क सूत्र को लेकर खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. भविष्य में किसी अन्य देश में इस तरह की राजस्थानियों को लेकर दिक्कत नहीं आए. इसलिए अब जितने भी राजस्थानी बच्चे और युवा अन्य देशों में गए हुए हैं, उनकी सूची तैयार की जाएगी. इन सबके नाम, मोबाइल नंबर और स्थाई पते को एक पोर्टल के जरिए सुरक्षित किया जाएगा. सीएस ने कहा कि कोरोना और यूक्रेन संकट के समय फाउंडेशन के कार्यों की रूपरेखा रिजल्ट ओरियन्टेड होनी चाहिये. संकट के समय के अलावा भी फाउंडेशन की गतिविधियां ऐसी हों, जिससे प्रत्येक प्रवासी राजस्थानी का जुड़ाव इससे हो सके.
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फाउंडेशन एक सेतु: मुख्य सचिव ने कहा कि देश-विदेश में बस रहे राजस्थान के लोग यहां की विरासत, आस्थाओं, संस्कृति और परम्पराओं से जुड़े रहें, इसके लिए फाउंडेशन एक सेतु की तरह काम करे. उन्होंने फाउंडेशन के अगले एक वर्ष के एक्शन प्लान के तहत की जाने वाली गतिविधियों पर चर्चा की और उनका अनुमोदन किया. मुख्य सचिव ने पिछली कार्यकारी समिति की बैठक में अनुमोदित कार्यों की क्रियान्विति की समीक्षा भी की.
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फाउंडेशन का काम सामाजिक सरोकार: फाउंडेशन के अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव ने फाउंडेशन की गतिविधियों और कार्य योजना के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फाउंडेशन के माध्यम से ना केवल प्रवासियों को यहां की संस्कृति और सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का काम किया जा रहा है, बल्कि उनकी समस्याओं के निराकरण में भी सहायक बनने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप इस वर्ष देश में कुल 42 चैप्टर स्थापित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही पहले से स्थापित 12 चैप्टर को पुनर्जीवित भी किया जाएगा.