जयपुर. राजधानी के हरमाड़ा थाना इलाके में साइबर ठगों की ओर से बैंक अधिकारी बनकर क्रेडिट कार्ड ब्लॉक (Fraud by pretending to block credit card) करने का झांसा देकर ठगी करने का मामला सामने आया है. साइबर ठगों ने महिला को झांसा देकर उससे ओटीपी हासिल कर 77 हजार रुपये की ठगी की. शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
हरमाड़ा थानाधिकारी मांगीलाल के मुताबिक साइबर ठगों ने पहले एक महिला को फोन कर क्रेडिट कार्ड ब्लॉक (Cyber thugs cheated woman) करने की बात कही. इस पर महिला ने अपने पति का फोन नंबर दे दिया. ठगों ने महिला के पति को फोन करके क्रेडिट कार्ड ब्लॉक किए जाने की बात कही. महिला का पति ठगों की हरकतों को भाप गया और उसने क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवाने से इनकार कर दिया. उसके बाद फिर से ठगों ने महिला को फोन कर अपने झांसे में लिया और 77 हजार रुपए से अधिक की ठगी कर डाली.
हरमाड़ा थानाधिकारी मांगीलाल ने बताया कि ठगी के संबंध में आनंद विहार सीकर रोड हरमाड़ा निवासी दिनेश शर्मा ने रविवार को थाने में मामला दर्ज करवाया है. बताया कि 24 सितंबर को शाम 6 बजे उसकी पत्नी उर्मिला शर्मा के मोबाइल पर फोन आया. फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को बैंक अधिकारी बताया और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने की बात कही. इस पर महिला ने फोन करने वाले व्यक्ति को अपने पति के नम्बर दे दिया और कहा कि उनसे बात कर लीजिए.
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इसी दौरान ठग ने दिनेश को फोन लगा लिया और कहा कि कार्ड ब्लॉक करना है, वह बैंक से बोल रहा है. दिनेश ने कार्ड ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट ऑनलाइन कर रखी थी, जिस पर वह कार्ड ब्लॉक करवाने के लिए तैयार हो गया. दिनेश ने कार्ड ब्लॉक करने के लिए कहा तो ठग ने उनसे ओटीपी नम्बर पूछा. इस पर दिनेश समझ गया की मामला गड़बड़ है और उसने ठग को ओटीपी देने से मना कर दिया.
इसके बाद ठग ने फिर से दिनेश की पत्नी को फोन किया और कहा कि उनके पति से बात हो गई. उन्होंने कार्ड ब्लॉक करने के लिए कहा है. इसके लिए मोबाइल पर ओटीपी नम्बर आया होगा इसे बताना है. इस पर उर्मिला ने उसे मोबाइल पर आया ओटीपी नम्बर बता दिया. इसके कुछ देर बाद ही ठगों ने उर्मिला के खाते से 77 हजार 292 रुपए का ट्रांन्जेक्शन कर लिया. इसके बाद उर्मिला ने अपने पति दिनेश को ठगी की जानकारी दी और कार्ड ब्लॉक करा बैंक में शिकायत करने के बाद दिनेश ने रविवार को हरमाड़ा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई. फिलहाल पुलिस मोबाइल नंबर और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर प्रकरण की जांच की जा रही है.