जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने उन न्यायिक कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को दी है, जो अपने छोटे बच्चों को घर पर किसी अन्य की देखरेख में छोड़कर कोर्ट आते हैं. हाईकोर्ट प्रशासन एक फरवरी से छोटे बच्चों के लिए क्रेच शुरू करने जा रहा है. इसके लिए गाइडलाइन तय कर इच्छुक कर्मचारियों और अधिवक्ताओं से आवेदन मांगे गए हैं.
हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत छह माह से लेकर छह साल के बच्चों को क्रेच में रखा जाएगा. इस क्रेच की क्षमता पन्द्रह बच्चों की है. इसमें से 13 बच्चों को मासिक आधार पर प्रवेश दिया जाएगा, जबकि दो बच्चों को प्रतिदिन के हिसाब से प्रवेश मिलेगा.
रजिस्ट्रार प्रशासन बीबी गुप्ता ने बताया कि मासिक आधार पर प्रवेश के मामलों में हाईकोर्ट कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद वकीलों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सुविधा देने का प्रावधान किया गया है. मासिक आधार पर प्रवेश के लिए एडमिशन फीस एक हजार रुपए और मासिक फीस पन्द्रह सौ रुपए तय की गई है. जबकि प्रतिदिन के आधार पर दिए जाने वाले प्रवेश के मामले में सौ रुपए प्रतिदिन के आधार पर जमा कराए जाएंगे.
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अभिभावक अपने बच्चों को यहां सुबह दस से शाम छह बजे तक रख सकेंगे. इस दौरान अभिभावकों को बच्चों के साथ उनका भोजन, डायपर और अतिरिक्त कपड़े आदि भी देने होंगे. इसके अलावा यदि कोई बच्चा बिना सूचना लगातार एक माह की अवधि से अधिक नहीं आएगा तो प्रशासन उसका प्रवेश रद्द कर सकता है.