जयपुर. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने लोकसभा की ओर से आयोजित अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की वर्चुअल बैठक में भाग लिया. सम्मेलन में सीपी जोशी ने राजस्थान विधानसभा में हुए आधुनिकीकरण और इतिहास में पहली बार व्यवस्था में हुए बदलाव की जानकारी दी. जोशी ने शून्य काल में पर्ची व्यवस्था समाप्त करने और अधिक प्रश्न पूछने की व्यवस्था में सुधार के बारे में भी बताया.
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सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा की सदन प्रक्रिया और विधानसभा सचिवालय में आवश्यकतानुसार व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण किया गया है. जोशी ने बताया कि विधानसभा की कार्यवाही का यूट्यूब पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है और विधानसभा की गतिविधियों की जानकारी सोशल मीडिया पर दी जा रही है. इसके चलते विधानसभा में होने वाली कार्यवाही को आमजन भी लाइव देख सकते हैं. विधानसभा की वेबसाइट को भी आधुनिक और सुरक्षित पैमानों पर नए सिरे से बनाया गया है.
सम्मेलन में जोशी ने बताया कि प्रश्न पूछने की प्रक्रिया में पहली बार सुधार किया गया है. इससे सदन में अधिक प्रश्नों पर चर्चा होने लगी है. 4, 5 और 18 मार्च को 18 प्रश्नों पर सदन में चर्चा हुई. विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार हो पाया है. सूचीबद्ध प्रश्नों मे 66 से 70 फीसदी प्रश्नों पर सदन में चर्चा होने लगी है.
पर्ची व्यवस्था को किया गया खत्म
जोशी ने बताया कि 1952 से लेकर अब तक की विधानसभा की कार्यवाही का डिजिटलाइजेशन किया गया है. शून्य काल में 1992 से चली आ रही पर्ची व्यवस्था को समाप्त किया गया है. इससे स्थगन प्रस्ताव की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और अधिक सदस्य अपनी बात रख रहे हैं. इस दौरान नए सदस्यों को प्राथमिकता से बोलने का अवसर दिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के व्यापक निस्तारण के लिए सभी जन प्रतिनिधियों को उचित मंच पर विचार विमर्श कर इसका निस्तारण करना आवश्यक है. आबादी का वह भाग जो कि ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता, उसके लिए भी उचित मंच पर सम्यक रूप से समाधान निकालना आवश्यक है.