जयपुर. कोरोना को इस सदी की सबसे भीषण महामारी का दर्जा दिया गया है. ऐसे में अब स्कूली पाठ्यक्रम में भी कोविड-19 को शामिल किया जाएगा और गहलोत सरकार के इस फैसले को प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी सही ठहराया है.
कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने के मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि करीब 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू महामारी बन कर आया था और यदि उस महामारी का किसी तरह का कोई डॉक्यूमेंटेशन तैयार होता तो इस महामारी से लड़ने में काफी मदद मिलती.
पढ़ें- 'इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए हल्दी और केसर युक्त दूध बनाया जा रहा है'
शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल किया है तो छात्र और अन्य लोगों को भी इस बीमारी से जुड़े इलाज का कारण और राज्य सरकार ने किस तरह इस महामारी से आमजन को बचाया इसके बारे में जान सकेंगे. अगर इस तरह की कोई जानकारी डॉक्यूमेंटेशन के तौर पर मौजूद रहती है तो आने वाले समय में यदि इस तरह की कोई अन्य महामारी आती है तो यह पता चल सकेगा कि कोरोना के समय सरकार ने किस तरह बीमारी को रोकने के लिए काम किया. बता दें कि कोविड-19 को पाठ्यक्रम में शामिल करने के फैसले को प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बिल्कुल सही ठहराया है.
नो बैग डे पर दी जाएगी जानकारी
कोविड-19 से जुड़ी जानकारी छात्रों को पढ़ाई के जरिए दी जाएगी और इसी सत्र से छात्र कोविड-19 के बारे में पढ़ सकेंगे. इसके लिए शनिवार को स्कूलों में मनाए जाने वाले नो बैग डे के दिन इससे जुड़ी जानकारी छात्र-छात्राओं को दी जाएगी. पहली से 12वीं तक के बच्चों के लिए कक्षा स्तर के हिसाब से कोरोना को लेकर पाठ्यक्रम सामग्री तैयार की जाएगी.