जयपुर. प्रदेश में जहां कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं, इस बीमारी से मौत का आंकड़ा भी हर दिन बढ़ रहा है. हाल ही में सरकार की ओर से कोविड-19 से हुई मौतों का ऑडिट भी करवाया गया है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
कोविड-19 से हुई अब तक मौत में सबसे अधिक पुरुषों के मामले देखने को मिले हैं. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में मौत के आंकड़े कम देखने को मिले हैं. वहीं, 66 प्रतिशत मौतें कोविड-19 से ऐसे मरीजों की हुई, जो पूर्व में किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त थे.
आंकड़ों के जरिए जानते हैं हालात...
- सरकार ने कोविड-19 से 910 मौतों का डेथ ऑडिट करवाया.
- 606 पुरुषों की मौत दर्ज हुई. (67%)
- 304 महिलाओं की मौत दर्ज हुई. (33%)
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क्षेत्रवार मौतें
- 187 मौत ग्रामीण क्षेत्रों में (21%)
- 723 मौतें शहरी क्षेत्रों में (79%)
मौत के अन्य कारण
- 498 ऐसे मरीजों की मौत, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक थी.
- 601 ऐसे मरीजों की मौत, जो पूर्व में किसी अन्य बीमारी से ग्रसित थे.
- 800 मरीजों की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई.
- 110 मरीजों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया.
अस्पतालों में हुई मौत का आंकड़ा
- 321 मरीजों की मौत सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर और उससे संबद्ध अस्पतालों में हुई.
- जयपुर के निजी अस्पतालों में 108 मरीजों की मौत हुई.
- जोधपुर मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध अस्पतालों में 88 मरीजों की मौत हुई.
- जोधपुर एम्स में 53 मरीजों की मौत हुई.
- अजमेर के जेएलएन अस्पताल में 56 मरीजों की मौत हुई.
- बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में 73 मरीजों की मौत हुई.
- कोटा मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध अस्पतालों में 62 मरीजों की मौत हुई.
- उदयपुर मेडिकल कॉलेज में 39 मरीजों की मौत हुई.
- प्रदेश के अलग-अलग जिला और सीएचसी अस्पतालों में 85 मरीजों की मौत हुई.
- अन्य निजी अस्पतालों में कुल 3 मरीजों की मौत.
- 20 मरीजों की घर पर मौत हुई.
वहीं, ऑडिट में खास बात यह देखने को मिली कि ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्र में मौतें अधिक देखने को मिली हैं. जिस पर एक्सपर्ट डॉक्टर्स का कहना है कि इसका कारण यह है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों में स्ट्रेस ज्यादा देखने को मिलता है. जिसके चलते डायबिटीज, किडनी, हार्ट के मरीज अधिक देखने को मिलते हैं. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में जो लाइफ स्टाइल है, वह भी इसका एक प्रमुख कारण है.