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विधानसभा में गूंजा विकास अधिकारियों के भ्रष्टाचार का मामला, विधायक रामलाल ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

सोमवार को राजस्थान विधानसभा में विधायक रामलाल शर्मा ने स्थगन के जरिए मामला उठाया कि पंचायत चुनाव में आचार संहिता के दौरान विकास अधिकारियों द्वारा किए गए ठेकेदारों के भुगतान में भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए.

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Published : Feb 17, 2020, 4:08 PM IST

जयपुर न्यूज, jaipur news
ग्राम पंचायतों में विकास अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने का मामला

जयपुर. पंचायत चुनाव में आचार संहिता के दौरान विकास अधिकारियों द्वारा किए गए ठेकेदारों के भुगतान का मामला आज विधानसभा में गूंजा. सोमवार को चोमू से भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने स्थगन के जरिए मामला उठाया और इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.

ग्राम पंचायतों में विकास अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने का मामला
रामलाल शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश के विकास अधिकारियों ने पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने के साथी सभी ग्राम पंचायतों से चेक बुक, पट्टाबही और तमाम लेखा-जोखा अपने पास मंगवा लिया उसके बाद बैक डेट में कई ठेकेदारों के भुगतान कर दिए गए.

पढ़ें. तबादलों पर प्रतिबंध लेकिन शिक्षा विभाग में जारी बैक डोर का खेल, भाजपा ने कहा- तबादला उद्योग हावी

रामलाल ने कहा कि चुनाव के बाद जब पंच-सरपंच बन गए तब भी ऐसे कई पंच सरपंच थे, जिन्हें अब तक चेक का अधिकार नहीं मिला. शर्मा ने कहा यह मामला किसी एक पंचायत का नहीं बल्कि प्रदेश की लगभग हर ग्राम पंचायत में विकास अधिकारियों ने ऐसे ही भ्रष्टाचार का खेल किया है.

शर्मा ने कहान कि ग्राम पंचायत की ओर से जारी चेक का भुगतान कब किस ठेकेदार के खाते में हुआ, इसका डाटा निकाला जाएगा तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. साथ ही विधायक ने इसमें जांच कराने की मांग की.

जयपुर. पंचायत चुनाव में आचार संहिता के दौरान विकास अधिकारियों द्वारा किए गए ठेकेदारों के भुगतान का मामला आज विधानसभा में गूंजा. सोमवार को चोमू से भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने स्थगन के जरिए मामला उठाया और इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.

ग्राम पंचायतों में विकास अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने का मामला
रामलाल शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रदेश के विकास अधिकारियों ने पंचायत चुनाव की आचार संहिता लगने के साथी सभी ग्राम पंचायतों से चेक बुक, पट्टाबही और तमाम लेखा-जोखा अपने पास मंगवा लिया उसके बाद बैक डेट में कई ठेकेदारों के भुगतान कर दिए गए.

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रामलाल ने कहा कि चुनाव के बाद जब पंच-सरपंच बन गए तब भी ऐसे कई पंच सरपंच थे, जिन्हें अब तक चेक का अधिकार नहीं मिला. शर्मा ने कहा यह मामला किसी एक पंचायत का नहीं बल्कि प्रदेश की लगभग हर ग्राम पंचायत में विकास अधिकारियों ने ऐसे ही भ्रष्टाचार का खेल किया है.

शर्मा ने कहान कि ग्राम पंचायत की ओर से जारी चेक का भुगतान कब किस ठेकेदार के खाते में हुआ, इसका डाटा निकाला जाएगा तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. साथ ही विधायक ने इसमें जांच कराने की मांग की.

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