जयपुर. कोविड-19 वैक्सीनेशन के काम को लेकर राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोविड-19 वैक्सीन के पहले चरण की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और चिकित्सा विभाग की ओर से प्रदेश भर में कोल्ड चैन वैक्सीनेशन पॉइंट चिन्हित किए गए हैं. जिसमें जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में राज्य स्तरीय वैक्सीन सेंटर और सात संभागीय वैक्सीन सेंटर बनाए गए हैं.
प्रदेश के चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने पहले चरण के वैक्सीनेशन का काम लगभग पूरा कर लिया है. विभाग के पास करीब तीन करोड़ वैक्सीन के डोज रखने की क्षमता है. जिसे 2 डिग्री तापमान तक रखा जा सकता है. इसके अलावा यदि माइनस 30 डिग्री वाली वैक्सीन राजस्थान में पहुंचती है तो करीब 1 करोड़ वैक्सीन स्टोरेज की क्षमता विकसित कर ली गई है.
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सिद्धार्थ महाजन ने यह भी बताया कि वैक्सीन आते ही सबसे पहले हेल्थ वॉरियर्स जो अस्पतालों में काम कर रहे हैं, उन्हें वैक्सीन दी जाएगी. इसके लिए चिकित्सा विभाग सरकारी और निजी अस्पतालों में काम कर रहे हेल्थ वॉरियर्स का डेटा तैयार कर रहा है.
अभी तक क्या-क्या तैयारियां की गई हैं
- 4 करोड़ वैक्सीनेशन डोज रखने की क्षमता विकसित
- 2 हजार 444 कोल्ड चैन वैक्सीनेशन पॉइंट चयनित
- इसके लिए जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्हित
- जयपुर, जोधपुर, उदयपुर में बनाए गए तीन राज्य स्तरीय वैक्सीन सेंटर
- सात संभागीय स्तर वैक्सीन सेंटर बनाए गए
- प्रदेश में पहले चरण में आ सकते हैं 10 लाख डोज
- इन वैक्सीन सेंटर पर 1 करोड़ डोज माइनस 30 डिग्री पर रखी जा सकते हैं
- 3 करोड़ डोज 2 से 8 डिग्री तापमान पर रखे जा सकते हैं
5 लाख हेल्थ वॉरियर्स चिन्हित
प्रदेश में पहले चरण में करीब 10 लाख वैक्सीनेशन की डोज मंगाई गई है. जिसके तहत निजी और सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मी और ऐसे कर्मचारी जो चिकित्सा विभाग में कार्यरत हैं उन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी. चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक करीब पांच लाख हेल्थ वॉरियर्स का डाटा तैयार किया जा चुका है.
वैक्सीन के लिए कैसे कराना होगा रजिस्ट्रेशन
कोविड-19 वैक्सीन के लिए 'कोविडविन एप' पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद कोविड-19 से जुड़े फ्रंटलाइन वॉरियर्स को मोबाइल पर मैसेज प्राप्त होगा. मैसेज मिलने के बाद वैक्सीन लगवाने के लिए सेंटर पर जाना होगा और सबसे पहले वेरीफिकेशन की प्रक्रिया की जाएगी और दूसरे चरण में वैक्सीन लगाने का काम होगा. वैक्सीन लगने के बाद व्यक्ति को करीब आधे घंटे तक निगरानी में भी रखा जाएगा. वो इसलिए की यदि दवा से जुड़ा किसी तरह का कोई रिएक्शन हो तो तुरंत उसका इलाज किया जा सके.
बनाई गई टास्क फोर्स
वैक्सीनेशन से जुड़े काम को लेकर एक टास्क फोर्स भी बनाई गई है. जिसका नेतृत्व जिला कलेक्टरों के हाथ में होगा. इसके अलावा इस टास्क फोर्स में एक हेल्पर, दो रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया करने वाले दो वैक्सीन लगाने वाले और करीब 4 सुरक्षाकर्मियों को शामिल किया गया है. इसके अलावा वैक्सीनेशन के दूसरे फेज में पुलिस, होमगार्ड, नगर निगम के सफाई कर्मचारी और ऐसे फील्ड वर्कर जो सीधे जनता से सीधे जुड़े हुए हैं उनका टीकाकरण किया जाएगा और तीसरे फेज में 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी जाएगी.