जयपुर. प्रदेश में हर दिन कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में जहां सरकारी क्षेत्र की लैब में कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की जा रही है, तो वहीं प्रदेश की 3 प्राइवेट लैब को भी जांच की अनुमति अखिल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा दी गई है.
अब तक प्रदेश में लिए गए सैंपलों के आंकड़ें...
- 1,13,934 लोगों के सैंपलों की हुई जांच
- एक लाख से अधिक सैंपल नेगेटिव
- 6000 से अधिक सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी
राज्य सरकार ने अधिक से अधिक सैंपल की जांच करने के लिए सरकारी क्षेत्र की लैब के अलावा प्राइवेट लैब में जांच को लेकर आईसीएमआर को पत्र लिखा था. ऐसे में आईसीएमआर ने प्राइवेट क्षेत्र की तीन लैब को जांच की अनुमति प्रदान की है.
इन लैबों को मिली जांच की अनुमति
- महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज को मिली अनुमति
- संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में भी होगी जांच
- डॉ. बी लाल क्लीनिकल भी शामिल
सलेक्शन का आधार
कोरोना वायरस संदिग्ध मरीजों के सैंपल टेस्टिंग की बात करें, तो राज्य सरकार की अनुशंसा पर ही आईसीएमआर अनुमति प्रदान करती है. आईसीएमआर उन्हीं लैब को जांच की अनुमति प्रदान करती है. जो नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कोलिब्रेशन लैबोरेट्रीज ( NABL)से मान्यता प्राप्त होती है.
किन्हें मिलती है अनुमति
- जहां क्वालिफाइड डॉक्टर्स हो
- रिपोर्ट का पूरा फॉर्मेट तैयार हो
- पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट तैयार हो
- कोरोना की जांच के लिए हो पीसीआर किट
- पल कलेक्शन की हो व्यवस्था
- लैब में बायो सेफ और बायोसिक्योरिटी हो
इसी के आधार पर आईसीएमआर द्वारा लैब को जांच की अनुमति दी जाती है. इसके अलावा आईसीएमआर द्वारा कोविड-19 की टेस्टिंग को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसी के तहत इन लैब को जांच की अनुमति प्रदान की जाती है.
6500 सैंपल अभी भी पेंडिंग
चिकित्सा विभाग ने हर दिन 10 हजार सैंपल कलेक्शन की बात कही है. लेकिन लैब की कमी के चलते अभी भी सैंपल जांचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मौजूदा समय की बात करें तो 6500 सैंपल अभी भी पेंडिंग चल रहे हैं. ऐसे में सैंपल कलेक्शन तो हो रहे हैं. लेकिन जांच के लिए लैब की कमी देखने को मिल रही है.
मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी कहा कि हम अन्य जिलों में भी सैंपल जांच के लिए आईसीएमआर को पत्र लिख चुके हैं और जैसे ही आईसीएमआर की ओर से अप्रूवल मिलेगा. अन्य जिलों में भी सैंपलिंग जांच का काम शुरू हो जाएगा.
सरकारी क्षेत्र में हैं इतनी लैबें
प्रदेश में सबसे अधिक सैंपल की जांच सरकारी क्षेत्र से जुड़े मेडिकल कॉलेज में की जा रही है और इनकी संख्या करीब 14 है. प्रदेश में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज जयपुर, आर यू एच एस मेडिकल कॉलेज जयपुर, डॉक्टर संपूर्णाना मेडिकल कॉलेज जोधपुर, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज, आरएनटी मेडिकल उदयपुर और एसपी मेडिकल कॉलेज बीकानेर शामिल हैं.
इसके अलावा एम्स जोधपुर, जेएलएन मेडिकल कॉलेज अजमेर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कोटा, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर इंप्लीमेंटेशन जोधपुर, आर वी आर एस मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज डूंगरपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज चूरु और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज भरतपुर में जांच की जा रही है.