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जयपुर: निजी अस्पताल में बिना परमिशन के हो रहा था कोरोना मरीजों का इलाज, ऊंची कीमतों पर बेची जा रही थी रेमडेसिवीर

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर बनी टीम ने सोमवार को जयपुर के चौहान हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, सिरसी रोड पांच्यावाला जयपुर का निरीक्षण किया. जहां पाया गया कि अस्पताल बिना अनुमति के कोरोना मरीजों का इलाज कर रहा था और रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी अधिक कीमत पर मरीजों को दिये जा रहे थे.

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निजी अस्पताल में बिना परमिशन के हो रहा था कोरोना मरीजों का इलाज, ऊंची कीमतों पर बेची जा रही थी रेमडेसिवीर
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Published : Apr 27, 2021, 2:31 AM IST

जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर बनी टीम ने सोमवार को जयपुर के चौहान हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, सिरसी रोड पांच्यावाला जयपुर का निरीक्षण किया. जहां पाया गया कि अस्पताल बिना अनुमति के कोरोना मरीजों का इलाज कर रहा था और रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी अधिक कीमत पर मरीजों को दिये जा रहे थे.

पढ़ें: ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर का कोटा बढ़ाने के लिये मोदी सरकार के मंत्रियों से मिलने दिल्ली जायेंगे गहलोत सरकार के ये तीन मंत्री

औषध नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मौके पर अस्पताल में 5 कोविड मरीज इलाज के लिए भर्ती मिले. परंतु अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज के लिये नियमानुसार एप्रूव्ड नहीं पाया गया. निरीक्षण के दौरान यह स्वीकार किया गया कि अस्पताल के द्वारा आज तक भी कोविड मरीजों के इलाज हेतु आवश्यक अप्रूवल के लिए आवेदन भी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अस्पताल के द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय विवरण एवं मरीजों के लिए उपभोग में लिए गए विवरण में भी अंतर पाया गया.

निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अस्पताल के द्वारा मरीजों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए 4000 रुपये चार्ज किये जा रहे थे. जबकि राज्य सरकार द्वारा इसकी विक्रय दर 2800 रुपये नोटिफाइड की गई है. दरअसल चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर गत दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों और उपभोक्ताओं को निजी चिकित्सालय एवं दवा स्टॉकिस्ट विक्रेता के स्तर पर जीवन रक्षक दवाएं, इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था.

जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश पर बनी टीम ने सोमवार को जयपुर के चौहान हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर, सिरसी रोड पांच्यावाला जयपुर का निरीक्षण किया. जहां पाया गया कि अस्पताल बिना अनुमति के कोरोना मरीजों का इलाज कर रहा था और रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी अधिक कीमत पर मरीजों को दिये जा रहे थे.

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औषध नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मौके पर अस्पताल में 5 कोविड मरीज इलाज के लिए भर्ती मिले. परंतु अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज के लिये नियमानुसार एप्रूव्ड नहीं पाया गया. निरीक्षण के दौरान यह स्वीकार किया गया कि अस्पताल के द्वारा आज तक भी कोविड मरीजों के इलाज हेतु आवश्यक अप्रूवल के लिए आवेदन भी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अस्पताल के द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय विवरण एवं मरीजों के लिए उपभोग में लिए गए विवरण में भी अंतर पाया गया.

निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि अस्पताल के द्वारा मरीजों से रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए 4000 रुपये चार्ज किये जा रहे थे. जबकि राज्य सरकार द्वारा इसकी विक्रय दर 2800 रुपये नोटिफाइड की गई है. दरअसल चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर गत दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों और उपभोक्ताओं को निजी चिकित्सालय एवं दवा स्टॉकिस्ट विक्रेता के स्तर पर जीवन रक्षक दवाएं, इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया था.

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