जयपुर. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश में मौत के आंकड़ों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बीते कुछ दिनों से कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत के ग्राफ में बढ़ोतरी हुई है. जयपुर से अब तक सर्वाधिक मौतें दर्ज की गई हैं. इसी बीच सरकार की ओर से कोरोना संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी बंद (Genome Sequencing test closed in Rajasthan) कर दी गई है. ऐसे में कितने मरीज ओमीक्रोन संक्रमित हैं, इसका पता लगाना अब मुश्किल होगा.
प्रदेश में जैसे-जैसे संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे मौत के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी हो रही है. बीते 8 दिन की बात करें, तो प्रदेश में 85 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. शनिवार को प्रदेश में 17 मौतें दर्ज की गई थीं. वहीं बीते 22 दिन में मौत के आंकड़ों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसके साथ एक्टिव केस की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि वैक्सीन नहीं लगवाना और कोमोरबिडिटी के चलते प्रदेश में मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं.
बीते 22 दिन में प्रदेश में बढ़े मौत के आंकड़े
- बीते 22 दिनों में प्रदेश में 112 कोरोना संक्रमितों की मौत
- जयपुर में भी मौत के आंकड़ों में हो रही बढ़ोतरी
- बीते 22 दिन में जयपुर में 30 लोगों की मौत
- बीते 3 दिनों में 43 कोरोना संक्रमितों की मौत
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सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी का कहना है कि निश्चित तौर पर मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं लेकिन सबसे अधिक उन लोगों की मौत हो रही है जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लगवाई या फिर ऐसे मरीज संक्रमण के चलते दम तोड़ रहे हैं जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है.
जीनोम सीक्वेंसिंग भी बंद
सरकार की ओर से अब जीनोम सीक्वेंसिंग भी बंद कर दी गई है. ऐसे में ओमिक्रोन स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा क्या है, इसकी जानकारी मिलना भी मुश्किल होगा. मामले को लेकर डॉक्टर भंडारी का कहना है कि सामान्य संक्रमित मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग बंद कर दी गई है, लेकिन कोविड-19 संक्रमण से मरने वाले या फिर गंभीर स्थिति में आईसीयू में एडमिट होने वाले मरीजों की ही जिनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है.