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जयपुर: अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन पर कोरोना संकट, घर की बेटियों का ही करें पूजन - girl worship on Ashtami-Navami in jaipur

जयपुर में चैत्र नवरात्र मंगलवार को 8वें दिन महाअष्टमी और बुधवार को महानवमी पूजन के साथ नवरात्र समाप्त होंगे. इसमें अपनी कुलपरंपरा के अनुसार भक्त महाष्टमी को धोक माता को लगाते है और महानवमी की पूजा करते हैं.

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अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन पर कोरोना संकट
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Published : Apr 19, 2021, 2:59 PM IST

जयपुर. चैत्र नवरात्र मंगलवार को 8वें दिन महाअष्टमी और बुधवार को महानवमी पूजन के साथ नवरात्र समाप्त होंगे. इसमें अपनी कुलपरंपरा के अनुसार भक्त महाष्टमी को धोक माता को लगाते है और महानवमी की पूजा करते हैं.

अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन पर कोरोना संकट

ऐसे में सुस्थिर योग में व्याधि नाशक तिथि में महाष्टमी और पुष्यनक्षत्र में महानवमी पूजन होगा. लेकिन इस बार कोरोना प्रकोप के चलते घर-घर कन्याएं भोज करने नहीं जाएंगी, बल्कि घर की बेटियों का ही पूजन होगा. ज्योतिष आचार्य पंडित आशुतोष वैदिक के अनुसार, नवरात्रों में अष्टमी और नवमी तिथि विशेष होती है.

जिसमें मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हवन, पूजा-पाठ और कन्याओं को भोजन कराकर उनकी पूजा को सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति वाला अनुष्ठान कहा जाता है. क्योंकि देवी स्वरूप कन्याओं का शुभ आशीर्वाद मां दुर्गा की कृपा लेकर आता है. इसलिए अष्टमी तिथि पर अनेक प्रकार के मंत्रों और विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. साथ ही मां दुर्गा से सुख-समृद्धि-यश-कीर्ति और आरोग्यता की कामना करनी चाहिए.

पढ़ें: राजस्थान में 3 मई तक स्कूल बंद, शिक्षक वर्क फ्रॉम होम करेंगे

हालांकि इस बार कन्या पूजन न भी कर पाएं तो दोष नहीं लगेगा. अष्टमी पर कन्या पूजन का संकल्प लेकर आने वाले किसी भी महीने में शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन कर भोजन करवाया जाए तो देवी प्रसन्न होगी. वहीं, यदि अष्टमी पर कन्या पूजन करना भी है तो अपने घर में ही करें और कन्या ना भी मिले तो संकल्पित होकर यह पूजन करें. उसके कुछ दिनों बाद जब कोरोना संक्रमण खत्म हो जाए तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कन्याओं और बटुक को भोजन कराकर सुख-समृद्धि की कामना कर सकते हैं.

जयपुर. चैत्र नवरात्र मंगलवार को 8वें दिन महाअष्टमी और बुधवार को महानवमी पूजन के साथ नवरात्र समाप्त होंगे. इसमें अपनी कुलपरंपरा के अनुसार भक्त महाष्टमी को धोक माता को लगाते है और महानवमी की पूजा करते हैं.

अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन पर कोरोना संकट

ऐसे में सुस्थिर योग में व्याधि नाशक तिथि में महाष्टमी और पुष्यनक्षत्र में महानवमी पूजन होगा. लेकिन इस बार कोरोना प्रकोप के चलते घर-घर कन्याएं भोज करने नहीं जाएंगी, बल्कि घर की बेटियों का ही पूजन होगा. ज्योतिष आचार्य पंडित आशुतोष वैदिक के अनुसार, नवरात्रों में अष्टमी और नवमी तिथि विशेष होती है.

जिसमें मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए हवन, पूजा-पाठ और कन्याओं को भोजन कराकर उनकी पूजा को सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति वाला अनुष्ठान कहा जाता है. क्योंकि देवी स्वरूप कन्याओं का शुभ आशीर्वाद मां दुर्गा की कृपा लेकर आता है. इसलिए अष्टमी तिथि पर अनेक प्रकार के मंत्रों और विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. साथ ही मां दुर्गा से सुख-समृद्धि-यश-कीर्ति और आरोग्यता की कामना करनी चाहिए.

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हालांकि इस बार कन्या पूजन न भी कर पाएं तो दोष नहीं लगेगा. अष्टमी पर कन्या पूजन का संकल्प लेकर आने वाले किसी भी महीने में शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन कर भोजन करवाया जाए तो देवी प्रसन्न होगी. वहीं, यदि अष्टमी पर कन्या पूजन करना भी है तो अपने घर में ही करें और कन्या ना भी मिले तो संकल्पित होकर यह पूजन करें. उसके कुछ दिनों बाद जब कोरोना संक्रमण खत्म हो जाए तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को कन्याओं और बटुक को भोजन कराकर सुख-समृद्धि की कामना कर सकते हैं.

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