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हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी

कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में अभ्यर्थी को नियुक्ति देने के लिए अदालती आदेश दिए गए थे. जिसके बाद भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायती राज सचिव सिद्वार्थ महाजन, संयुक्त सचिव विजय पाल सिंह, करौली जिला परिषद के सीईओ राजेन्द्र चारण को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court, राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें
अदालती आदेश के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी
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Published : Dec 25, 2020, 8:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में अदालती आदेश के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर ग्रामीण विकास और पंचायती राज सचिव सिद्वार्थ महाजन, संयुक्त सचिव विजय पाल सिंह, करौली जिला परिषद के सीईओ राजेन्द्र चारण को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने ये आदेश भगवान सिंह गुर्जर की अवमानना याचिका पर दिए.

अदालती आदेश के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि एलडीसी भर्ती-2013 में याचिकाकर्ता को पूर्व में एनआरएचएम योजना में किए काम के बोनस अंक देने थे, लेकिन विभाग ने बोनस अंक नहीं दिए. इस पर हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में राज्य सरकार को आदेश दिए कि याचिकाकर्ता को बोनस अंक दिए जाए और यदि वह मेरिट में आता है तो उसे नियुक्ति दी जाए.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने की कृषि कानून वापस लेने की मांग, कहा- ठंड में किसान ठिठुर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी है

याचिका में कहा गया कि बोनस अंक के बाद याचिकाकर्ता मेरिट में आ गया. वहीं विभाग ने उससे कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी, लेकिन अदालती आदेश के बावजूद अब तक याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लिपिक भर्ती-2013 में अदालती आदेश के बावजूद अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर ग्रामीण विकास और पंचायती राज सचिव सिद्वार्थ महाजन, संयुक्त सचिव विजय पाल सिंह, करौली जिला परिषद के सीईओ राजेन्द्र चारण को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने ये आदेश भगवान सिंह गुर्जर की अवमानना याचिका पर दिए.

अदालती आदेश के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि एलडीसी भर्ती-2013 में याचिकाकर्ता को पूर्व में एनआरएचएम योजना में किए काम के बोनस अंक देने थे, लेकिन विभाग ने बोनस अंक नहीं दिए. इस पर हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में राज्य सरकार को आदेश दिए कि याचिकाकर्ता को बोनस अंक दिए जाए और यदि वह मेरिट में आता है तो उसे नियुक्ति दी जाए.

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याचिका में कहा गया कि बोनस अंक के बाद याचिकाकर्ता मेरिट में आ गया. वहीं विभाग ने उससे कम मेरिट वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे दी, लेकिन अदालती आदेश के बावजूद अब तक याचिकाकर्ता को नियुक्ति नहीं दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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