जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की ओर से सोमवार को बनीपार्क स्थित यूथ कांग्रेस मुख्यालय पर डीजल-पेट्रोल की बढ़ी हुई दरों के खिलाफ धरना दिया गया. हालांकि, जिस तरीके से एक सत्ताधारी दल के धरने-प्रदर्शन में सरकार के नियमों का पालन किया जाना चाहिए था और कोरोना जैसी जानलेवा महामारी के समय सोशल डिस्टेंसिंग की जो बात रखी जानी चाहिए थी, उसका कहीं ना कहीं उल्लंघन कांग्रेस पार्टी के धरने में दिखाई दिया.
इस धरना-प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ती दिखी. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि डीजल-पेट्रोल के दाम जनता की कमर तोड़ रहे हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इसके दामों में कमी करें. वहीं इस बात पर खेद जताते हुए उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरीके से पालन नहीं होने की बात भी स्वीकारी. साथ ही कहा कि उन्हें खेद है कि आज उनके इस धरने में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि इस तरीके का कोई भी संदेश जनता के बीच में जाए.
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इस दौरान पायलट ने कहा कि वर्चुअल के माध्यम से ही आगे से होने वाली पार्टी के प्रदर्शन और धरने होंगे. इस महामारी के दौर में वह नहीं चाहते कि इस तरीके से कोई कार्यक्रम हो जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरीके से नहीं किया जाए. बता दें कि सोमवार को पेट्रोल डीजल की कीमतों के विरोध में कांग्रेस पार्टी की ओर से एआईसीसी के निर्देशों पर धरना-प्रदर्शन किया गया था.
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इस प्रदर्शन में पायलट के साथ कई मंत्री, कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई रखी. शायद इसका एक कारण यह भी था कि उन्हें पहले से ही अंदाजा था कि हो सकता है कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना ना हो और वह विपक्ष के निशाने पर आ जाएं.