जयपुर. वर्ष 2000 के बाद अब 22 साल बाद कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है. सोमवार 17 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (Congress President Election tomorrow) के लिए मतदान होने हैं. राजस्थान कांग्रेस कार्यालय भी 22 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष की वोटिंग का गवाह बनेगा, जहां कल सुबह 10 बजे से दोपहर 4 बजे तक राजस्थान के 414 पीसीसी सदस्य मतदान करते दिखाई देंगे. कांग्रेस संगठन चुनाव के लिए पीआरओ बनाए गए राजेंद्र कुंपावत मतपेटियां और बैलट पेपर लेकर जयपुर पहुंच चुके हैं. कल 414 प्रदेश कांग्रेस सदस्य राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मतदान करेंगे. ऐसे में सोमवार को थरूर औऱ खड़गे (fight between mallikarjun kharge and shahi tharur) के बीच मुकाबला होगा.
थरूर को पोलिंग एजेंट ही नहीं पीसीसी मेंबर तो खड़गे को राजस्थान से बढ़त की उम्मीद
सोमवार 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शुरू होने वाला मतदान शाम 4 बजे तक चलेगा. क्योंकि 200 वोटर पर एक पोलिंग बूथ बनाया जाएगा. इस लिहाज से 414 वोटर्स के लिए 2 बूथ बनाए जाएंगे जहां पर मतदान होगा क्योंकि राजस्थान के कई पीसीसी सदस्य दूसरे राज्यों के पीआरओ या एपीआरओ के तौर पर काम संभाल रहे हैं. ऐसे में उनका मतदान जयपुर में नहीं होकर उन्हीं राज्यों में होगा जहां वह चुनाव करवाने गए हैं.
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हालांकि चुनाव में पूरी तरह से गुप्त मतदान होगा, जिसमें यह पता नहीं लगेगा कि किस राज्य से किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले हैं, लेकिन जिस तरह से पोलिंग एजेंट बने हैं उसे देखकर लगता है कि शशि थरूर को राजस्थान में कोई खास मत नहीं (Tharoor polling agent is not PCC member) मिलने जा रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मल्ल्किार्जुन खड़गे के प्रति खुलकर प्रचार करना तो है ही साथ ही पोलिंग एजेंट के रूप में जो चेहरे और नाम सामने आए हैं उसे देखकर भी लगता है की राजस्थान के ज्यादातर वोट खड़गे के पक्ष में ही जाएंगे.
दरअसल अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की ओर से जो पोलिंग एजेंट बनाए जाते हैं वह ज्यादातर पीसीसी सदस्य ही होते हैं और खड़गे के जो पोलिंग एजेंट बने हैं वह मुमताज मसीह, रामसिंह कस्वां, ललित तुनवाल और नसीम अख्तर इंसाफ हैं. यह चारों न केवल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी हैं बल्कि पीसीसी सदस्य भी हैं और मतदान भी करेंगे. लेकिन शशि थरूर ने भले ही 6 पोलिंग एजेंट बनाए हों लेकिन छह में से एक भी पोलिंग एजेंट उन्हें पीसीसी मेंबर नहीं मिला है. थरूर के जो पोलिंग एजेंट बने हैं उनमें रामेश्वर विजय, अविनाश थानवी, दीपक चौधरी, आदित्यनाथ शर्मा, अमन जैन और अशोक कुमार सोनी है. इनमें से ज्यादातर थरूर के प्रोफेशनल कांग्रेस से जुड़े नेता हैं लेकिन पीसीसी सदस्य नहीं हैं. दोनों प्रत्याशियों के भले ही कितने भी एजेंट बने हों लेकिन एक बूथ पर एक ही एजेंट मौजूद रह सकता है जिन्हें बाकी बचे पोलिंग एजेंट रिलीवर के तौर पर एक्सचेंज कर सकते हैं.
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पीसीसी सदस्यों को जारी किया गया आईडी कार्ड लाना जरूरी
आगामी 17 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए होने जा रही मतदान प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सभी 414 प्रदेश कांग्रेस सदस्यों को बारकोडिंग लगा हुआ आई कार्ड उपलब्ध करवाया गया है। मतदान करने के लिए यह आई कार्ड सभी सदस्यों को लेकर आना जरूरी होगा। अगर किसी मतदाता के आईडी कार्ड में तकनीकी खामी के चलते फोटो नहीं है या नाम में कोई मिस प्रिंट हो गया है, तो ऐसी स्थिति में उसे एक सरकारी वोटर आईडी कार्ड भी साथ लाना होगा जिसके मिलान के बाद ही वह मतदान कर सकेगा।
किस राज्य से कितने वोट पड़े ये पता चलेगा, लेकिन प्रत्याशी को मिले वोट रहेंगे गुप्त
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में 17 अक्टूबर को मतदान के बाद यह तो पता चलेगा की राजस्थान से कितने पीसीसी मेंबर्स ने वोट कास्ट किया है, लेकिन किस राज्य से किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले हैं यह गुप्त रहेगा, क्योंकि मतपेटियों को मतदान के बाद सील कर पीआरओ अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे. दिल्ली में स्ट्रांग रूम में इन मतपेटियों को रखा जाएगा. 19 अक्टूबर को जब मतगणना होगी उस समय सभी प्रदेशों से दोनों प्रत्याशियों को मिले मतपत्रों को निकालकर एक जगह इकट्ठा किया जाएगा फिर दोनों प्रत्याशियों को मिले बैलेट पत्रों को अलग-अलग बंडल बना लिए जाएंगे. क्योंकि किसी भी राज्य के बैलेट पत्र पर राज्य का नाम या अलग रंग नहीं होगा तो यह पता नहीं चलेगा कि किस प्रत्याशी को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं.
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पीआरओ राजेन्द्र कुम्पावत समेत चार डीआरओ संभालेंगे कमान
राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय भी 22 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का गवाह बनने जा रहा है. इसके लिए राजस्थान के पीआरओ बनाए गए राजेंद्र कुंपावत ने कमान संभाल ली है और वह 4 डीआरओ की सहायता से चुनाव में वोटिंग करवाएंगे. डीआरओ के तौर पर लोकेश जिंदल, शरीफ अहमद ,दिग्विजय सिंह और जयेंद्र सिंह मतदान कक्ष में मौजूद रहेंगे तो वहीं मतदान करने के बाद सभी मतदाताओं की अंगुली में अमिट स्याही भी लगाई जाएगी. मतदान के बाद राजेंद्र कुमावत मतपेटियां लेकर दिल्ली चले जाएंगे जिन्हें वहां स्ट्रांग रूम में पूरी सिक्योरिटी के साथ बाकी राज्यों की मतपेटियों के साथ रखा जाएगा और 19 अक्टूबर को मतगणना के दिन ही इन्हें बाहर निकाला जाएगा.