जयपुर. मदरसा पैराटीचर्स (Parateachers protest in Jaipur), राजीव गांधी पैराटीचर्स (Rajiv Gandhi Parateachers) और शिक्षाकर्मियों के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले पैराटीचर्स शहीद स्मारक पर नियमितीकरण को लेकर पिछले 40 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. मोर्चा के संयोजक शमशेर भालू खान आमरण अनशन पर बैठे हैं. इसके बावजूद भी गहलोत सरकार(Gehlot Government) ने उनकी कोई सुध नहीं ली. सरकार से कई बार वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता विफल रही.
मंगलवार को कांग्रेस विधायक रफीक खान ने आंदोलनरत पैराटीचर्स की सुध लेते हुए सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को पत्र लिखकर इन्हें नियमित करने की मांग की (Rafeek Khan letter to CM Gehlot) है. उन्होंने मांग की कि जब तक इनका नियमितीकरण नहीं होता है तब तक उनके मानदेय में बढ़ोतरी की जाए.
विधायक रफीक खान ने कहा कि प्रदेश के हजारों पैराटीचर्स कम मानदेय में कार्य कर रहे हैं. इससे इनका घर खर्च भी नहीं चल पा रहा है. डेढ़ साल पहले मेरी मुख्यमंत्री से इस संबंध में बात भी हुई थी और उनके मन में भी यही है कि पैराटीचर्स को नियमित किया जाए. मुख्यमंत्री ने भी फाइल को देखा था. उस समय सामने आया कि केवल शिक्षा कर्मियों को नियमित नहीं किया जा सकता, और भी कैडर है जिन को नियमित किया जाना है. इस संबंध में एक कमेटी भी बनाई गई थी और शायद कमेटी ने रिपोर्ट भी सरकार को दे दी है.
रफीक खान ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है. जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस तरफ तवज्जो देंगे और प्रदेश के पैराटीचर्स को नियमित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं इस पूरे मामले को लेकर सीएम गहलोत से मुलाकात भी करूंगा और उनसे कहूंगा कि जब तक इन लोगों को नियमित नहीं कर दिया जाता तब तक इन लोगों के मानदेय में बढ़ोतरी की जाए. रफीक खान ने कहा कि अब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reorganisation) भी हो चुका है. जल्दी ही पैराटीचर्स के बारे में भी कोई निर्णय किया जाएगा.