जयपुर. राजस्थान में सियासी घमासान के बीच (Politics on CM Face) अशोक गहलोत के दिल्ली जाने के बाद मुख्यमंत्री की गद्दी पर कौन काबिज होगा? यह सवाल हर किसी की जुबान पर है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक रामनारायण मीणा ने अनुभव का मसला छेड़कर इस चर्चा के बीच कांग्रेस में नया सवाल खड़ा कर दिया है.
राजस्थान में सीएम फेस पर रामनारायण मीणा बोले कि (Ramnarayan Meena on Rajasthan cm face) भारतीय जनता पार्टी की तर्ज पर कांग्रेस में पहली बार एमएलए बने किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने की रवायत नहीं है. यहां पर अनुभव का ख्याल रखा जाता है. मीणा के इस बयान को सचिन पायलट की दावेदारी से (Ramnarayan Meena target Sachin Pilot) जोड़कर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि सचिन पायलट सांसद रहने के साथ ही मनमोहन सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, पर विधायक के तौर पर पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंचे हैं.
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कांग्रेस में खत्म होगी गुटबाजी
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के दिल्ली जाने के बाद प्रदेश में कांग्रेस के भीतर जारी गुटबाजी का भी खात्मा होने की उम्मीद जताई जा रही है. रामनारायण मीणा ने कहा कि दिल्ली दूर नहीं है, इसलिए अशोक गहलोत दोनों पदों को एक साथ संभाल सकते हैं. फिर भी अगर मुख्यमंत्री के तौर पर फैसला करने की बारी आती है तो आलाकमान को एक राय होकर सीएम का चुनाव करना होगा. मीणा ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री कांग्रेसमैन बनेगा, न कि धडे़बंदी के आधार पर किसी चेहरे का चुनाव कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जनता जिस चेहरे के आधार पर वोट देगी, अब उसी के आधार पर सरकार रिपीट करेगी. एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की सरकार का फैक्टर इसी के साथ खत्म हो जाएगा.
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रामनारायण मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में राजस्थान में जारी लॉबिंग को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि धड़ेबंदी और गुटबाजी के जरिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने का सपना देखना ठीक नहीं है. आलाकमान को ही मुख्यमंत्री के पद पर एक राय होकर फैसला करना है. ऐसे में जरूरी है कि राजनीतिक अनुभव का पूरा ख्याल रखा जाए.