जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस सरकार (Gehlot Government) बने अब ढाई साल का समय पूरा हो चुका है. ऐसे में सरकार बनने से पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र (Election Manifesto) जिन्हें कांग्रेस पार्टी जन घोषणा पत्र के तौर पर सरकारी दस्तावेज बना चुकी है, उस पर कितना काम हुआ है यह देखने के लिए कांग्रेस की चुनाव घोषणा पत्र कमेटी (Election Manifesto Committee) की आज राजस्थान में बैठक है. कमेटी के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू जयपुर आकर कमेटी की बैठक लेंगे.
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इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें याद किया. डोटासरा ने घोषणा पत्र के इंप्लीमेंट को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने 20 साल पहले अपने पहले कार्यकाल में ही यह तय कर दिया था कि यह चुनावी घोषणा पत्र सरकारी दस्तावेज होगा.
डोटासरा ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र (Election Manifesto) के जो काम नहीं हो पाए, उनकी जिम्मेदारी सरकार लेती है. हमारे घोषणा पत्र में से कितने काम हुए, कितने नहीं हुए इसकी जिम्मेदारी सरकार लेती है. मेनिफेस्टो कमेटी की पहले भी बैठक हो चुकी है और राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने जन घोषणापत्र में किए वादों में से 52 फीसदी काम 2 साल में पूरे कर चुकी है.
इसी कड़ी में अब 6 महीने समय और बीत गए हैं तो ढाई साल में जो काम मेनिफेस्टो में शामिल थे उनमें से कौन से काम प्रोग्रेस में है, वह किस गति से प्रोग्रेस कर रहे हैं और कौन से काम बाकी रह गए उन्हें पूरा करना होगा. डोटासरा ने कहा कि जो कमेटी के सुझाव होंगे उन सुझावों के ऊपर सरकार काम करेगी.
गोविंद डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की जनता के कल्याण के लिए जो भी वादे सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने किए थे, उन सब वादों को पूरा करने के लिए हम कृत संकल्पित हैं. डोटासरा ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि पहली बार किसी भी सरकार ने 2 साल में ही अपनी घोषणापत्र का हिसाब दिया. जबकि कई सरकारें 5 साल में भी हिसाब नहीं देती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 5 साल का हिसाब नहीं दिया और दोबारा सत्ता में आ गए. डोटासरा ने कहा कि जो भाजपा (BJP) का संकल्प पत्र था, पता नहीं उस संकल्प पत्र के कितने वादे पूरे हुए. लेकिन हमारे जन घोषणापत्र के 52 फीसदी वादे तो 2 साल में ही पूरे कर दिए. अब इसकी समीक्षा होगी तो पता लगेगा कि अब कितने वादे रह गए हैं. जबकि हमने डेढ़ साल तो कोरोना का सामना किया, लेकिन सरकार ने पहली कैबिनेट में ही अपने घोषणा पत्र को जन घोषणा पत्र बना सरकारी दस्तावेज बना लिया था और जनता के लिए जो वादे किए गए वह पूरे किए जाएंगे.