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अब याद आए मेहरानगढ़ हादसे के पीड़ित, परिवारों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए बनाई समिति

खाटू श्याम मंदिर में हुए हादसे के बाद अब जोधपुर मेहरानगढ़ हादसे के पीड़ितों की याद आई है. गहलोत सरकार मेहरानगढ़ हादसे के पीड़ित परिवारों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए समिति का गठन (Committee for Mehrangarh Fort Tragedy) करेगी. साल 2008 में हुए इस हादसे में 216 लोगों की मौत हो गई थी.

Committee for Mehrangarh Fort Tragedy victims to be constituted, directs CM Gehlot
खाटूश्याम मंदिर हादसे के बाद याद आए मेहरानगढ़ हादसे के पीड़ित, परिवारों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए बनाई समिति
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Published : Aug 11, 2022, 7:01 AM IST

जयपुर. प्रदेश की सरकार को खाटूश्याम मंदिर में हाल ही हुए हादसे के बाद जोधपुर के मेहरानगढ़ में हुए हादसे के पीड़ितों की याद आ गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हादसे के पीड़ितों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए एक समिति बनाने के निर्देश दिए (Committee for Mehrangarh Fort Tragedy) हैं. यह हादसा साल 2008 में हुआ था. इसमें 216 लोगों की मौत हो गई (Mehrangarh Fort Tragedy 2008) थी.

गहलोत ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राज्य में विभिन्न स्थानों पर मेलों और त्यौहारों में सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में बैठक ली. इस दौरान गहलोत ने कहा कि मेहरानगढ़ स्थित मंदिर में वर्ष 2008 में हुए हादसे में पीड़ित परिवारों की वर्तमान स्थिति जानी जाए. उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए. यह समिति मेहरानगढ़ दुखांतिका में मारे गए 216 लोगों के परिजनों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करेगी.

पढ़ें : 14 साल पहले मेहरानगढ़ में भी दर्शन के लिए मची थी भगदड़, 216 श्रद्धालुओं की हुई थी मौत

मजबूत कॉरिडोर बने : उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में पैदल यात्रियों के लिए मजबूत कॉरिडोर बनाकर उनकी पालना सुनिश्चित कराई जाए. धार्मिक स्थलों की कमेटियों को सभी तरह की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएं.

पढ़ें: SPECIAL : खाटू के श्याम धणी को प्रिय है सूरजगढ़ का निशान...373 साल से मंदिर शिखर पर चढ़ रहा है सूरजगढ़ का ध्वज, ये है वजह

धर्मगुरूओं और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ करें बैठकें: मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से नियमित रूप से धार्मिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों और धर्मगुरूओं के साथ बैठकें आयोजित कर सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाए, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके. बैठकों में प्रशासन से उनकी व्यवस्थाओं के संबंध में अपेक्षाओं पर भी विस्तृत चर्चा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी मेलों से पूर्व और मेलों के दौरान व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करें.

पढ़ें: राजस्थान : खाटूश्यामजी मासिक मेले में मची भगदड़, 3 महिला श्रद्धालुओं की मौत

गहलोत ने सीकर के खाटूश्याम जी मंदिर में हुई घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया (stampede in Khatu Shyam Mandir) है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के धार्मिक स्थल पूरे देश में आस्था के केंद्र हैं. यहां के धार्मिक स्थलों में सालाना उत्सव, मेलों के अलावा भी हर माह लाखों की संख्या में राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने आते है. गहलोत ने धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए.

जयपुर. प्रदेश की सरकार को खाटूश्याम मंदिर में हाल ही हुए हादसे के बाद जोधपुर के मेहरानगढ़ में हुए हादसे के पीड़ितों की याद आ गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस हादसे के पीड़ितों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए एक समिति बनाने के निर्देश दिए (Committee for Mehrangarh Fort Tragedy) हैं. यह हादसा साल 2008 में हुआ था. इसमें 216 लोगों की मौत हो गई (Mehrangarh Fort Tragedy 2008) थी.

गहलोत ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर राज्य में विभिन्न स्थानों पर मेलों और त्यौहारों में सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में बैठक ली. इस दौरान गहलोत ने कहा कि मेहरानगढ़ स्थित मंदिर में वर्ष 2008 में हुए हादसे में पीड़ित परिवारों की वर्तमान स्थिति जानी जाए. उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए. यह समिति मेहरानगढ़ दुखांतिका में मारे गए 216 लोगों के परिजनों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करेगी.

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मजबूत कॉरिडोर बने : उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में पैदल यात्रियों के लिए मजबूत कॉरिडोर बनाकर उनकी पालना सुनिश्चित कराई जाए. धार्मिक स्थलों की कमेटियों को सभी तरह की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएं.

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धर्मगुरूओं और ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ करें बैठकें: मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से नियमित रूप से धार्मिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों और धर्मगुरूओं के साथ बैठकें आयोजित कर सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाए, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके. बैठकों में प्रशासन से उनकी व्यवस्थाओं के संबंध में अपेक्षाओं पर भी विस्तृत चर्चा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी मेलों से पूर्व और मेलों के दौरान व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करें.

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गहलोत ने सीकर के खाटूश्याम जी मंदिर में हुई घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया (stampede in Khatu Shyam Mandir) है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के धार्मिक स्थल पूरे देश में आस्था के केंद्र हैं. यहां के धार्मिक स्थलों में सालाना उत्सव, मेलों के अलावा भी हर माह लाखों की संख्या में राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने आते है. गहलोत ने धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए.

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