जयपुर. कोरोना संकट के दौर में शिक्षण संस्थान बंद रहने से विद्यार्थियों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है. इसकी भरपाई करने के लिए कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय नित नए नवाचार कर रहा है. . इस दौर में शिक्षकों की ट्रेनिंग से लेकर बच्चों की पढ़ाई और उनके व्यक्तित्व विकास संबंधी सभी पहलुओं को तकनीक और ऑनलाइन पढ़ाई से जोड़ा गया है.
माना जा रहा है कि कॉलेज शिक्षा विभाग की ओर से किए गए नवाचार आने वाले समय में प्रदेश की उच्च शिक्षण व्यवस्था को नई दिशा देंगे. कॉलेज शिक्षा आयुक्त संदेश नायक का कहना है कि कोरोना काल में विद्यार्थियों की पढ़ाई में समस्याएं आई हैं. उन्हें देखते हुए कोरोना की पहली लहर में विभाग ने काफी बदलाव किए और ऑनलाइन मोड पर शिक्षण व्यवस्था सुचारू बनाए रखने का प्रयास किया. इसके लिए विभाग ने तकनीक और नवाचार का भी सहारा लिया है.
- नए व्याख्याताओं की ट्रेनिंग के लिए ज्ञान गंगा कार्यक्रम (Gyan Ganga Programme) शुरू
- ज्ञान सुधा और ज्ञान दूत कार्यक्रम प्रारंभ
- ज्ञान दूत अभियान के जरिए 23 टॉपिक्स पर हुई चर्चा, वीडियो यूट्यूब पर अपलोड
- अब तक करीब 1.70 लाख विद्यार्थी लाभान्वित
कॉलेज शिक्षा आयुक्त संदेश नायक (Sandesh Nayak) का कहना है कि विभाग ने मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेस की व्यवस्था भी शुरू की है. यह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अगला बड़ा कदम साबित होगा. इसके तहत विद्यार्थियों को अलग-अलग श्रेणियों की कोचिंग या ट्रेनिंग दी जाती है. इनमें व्यक्तित्व विकास से लेकर एक्स्ट्रा करिकुलम कोर्सेज भी शामिल हैं. इसके लिए IIT कोटा से समन्वय स्थापित कर हिंदी में स्किल बेस्ड ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया करवाई जा रही है. सामान्य तौर यह कोर्सेज अंग्रेजी में होते हैं लेकिन राजस्थान में कॉलेज के विद्यार्थिओं को हिंदी में यह कोर्सेज मुहैया करवाए गए हैं.
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कॉलेज शिक्षा आयुक्त का कहना है कि कोरोना संकट के दौर ने समाज के हर वर्ग को कहीं न कहीं परेशानी हुई है और विद्यार्थी वर्ग भी इससे अछूता नहीं है. इस विकट दौर ने हमें काफी कुछ सिखाया भी है. यह दौर हमारे यहां के उच्च शिक्षा के सिस्टम को भी नई दिशा देगा. यह क्रेडिट बेस्ड सिस्टम (Credit Based System) की तरफ आगे बढ़ने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है. उनका कहना है कि तकनीक और ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़े इन नवाचारों ने बच्चों की घर पर रहते हुए पढ़ाई की निरंतरता को बरकरार रखने में काफी हद तक मदद की है.