ETV Bharat / city

165 साल बाद नवरात्र पर आया ऐसा संयोग, जानें क्या ?

165 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि पितृपक्ष के एक माह बाद नवरात्र होगा. इस बार नवरात्र पितृपक्ष समाप्त होने के साथ प्रतिपदा से नहीं बल्कि इसके एक माह बाद शुरू होगा. हर साल पितृ पक्ष में अमावस्या के अगले दिन प्रतिपदा से नवरात्र प्रारंभ हो जाता था, लेकिन इस बार श्राद्ध समाप्त होने के बाद एक महीने का अधिमास लग गया. ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक करीब 165 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है.

165 साल बाद नवरात्र पर संयोग, Coincidence on Navratri after 165 years
165 साल बाद नवरात्र पर संयोग
author img

By

Published : Oct 10, 2020, 12:12 PM IST

जयपुर. हर साल पितृ पक्ष के समापन के साथ अगले दिन से ही नवरात्र का शुभारंभ हो जाता है और घट स्थापना के साथ 9 दिनों तक नवरात्र की पूजा होती है. यानी पितृ अमावस्या के अगले दिन से प्रतिपदा के साथ शारदीय नवरात्र का आरंभ हो जाता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि इस बार श्राद्ध खत्म होते ही अधिकमास लग गया.

165 साल बाद नवरात्र पर संयोग

अधिक मास लगने से नवरात्र और पितृ पक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ गया. आश्विन मास में मलमास लगना और एक महीने के अंतर पर दुर्गा पूजा आरंभ होना एक ऐसा संयोग है जो करीब 165 साल बाद हुआ है. लीप वर्ष होने के कारण ऐसा हो रहा है. ज्योतिष की माने तो 160 साल बाद लीप ईयर और अधिकमास दोनों ही एक साल में हो रहे है. क्योंकि इस बार 17 सितंबर को श्राद्ध खत्म हुए और 17 अक्टूबर से नवरात्रों का आरंभ होगा. इसी एक माह अंतर के बीच फिलहाल अधिकमास चल रहा है.

पढ़ें- स्टेट GST टीम ने ओसवाल ग्रुप के 6 ठिकानों पर मारा छापा, करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी उजागर होने की संभावना

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, अधिकमास के चलते इस बार एक माह लेट नवरात्रों का पूजन-अर्चन होंगे. इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएगी और नो स्वरूपों की पूजा नौ दिन तक की जाएगी. इस नवरात्र के दौरान 165 वर्षो में अधिकमास के बाद इस बार नवरात्रों का शुभारंभ होंगा. ठीक उसी प्रकार से 58 सालों के बाद गृह योग के तहत बुधादित्य योग भी नवरात्र के शुभारंभ पर बन रहा है. ऐसे योग से सम्पूर्ण संसार में सुख शांति, अमन-चैन का विस्तार होगा. साथ ही वैश्विक कोरोना महामारी पर भी इसका असर पड़ेगा.

जयपुर. हर साल पितृ पक्ष के समापन के साथ अगले दिन से ही नवरात्र का शुभारंभ हो जाता है और घट स्थापना के साथ 9 दिनों तक नवरात्र की पूजा होती है. यानी पितृ अमावस्या के अगले दिन से प्रतिपदा के साथ शारदीय नवरात्र का आरंभ हो जाता है, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ. क्योंकि इस बार श्राद्ध खत्म होते ही अधिकमास लग गया.

165 साल बाद नवरात्र पर संयोग

अधिक मास लगने से नवरात्र और पितृ पक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ गया. आश्विन मास में मलमास लगना और एक महीने के अंतर पर दुर्गा पूजा आरंभ होना एक ऐसा संयोग है जो करीब 165 साल बाद हुआ है. लीप वर्ष होने के कारण ऐसा हो रहा है. ज्योतिष की माने तो 160 साल बाद लीप ईयर और अधिकमास दोनों ही एक साल में हो रहे है. क्योंकि इस बार 17 सितंबर को श्राद्ध खत्म हुए और 17 अक्टूबर से नवरात्रों का आरंभ होगा. इसी एक माह अंतर के बीच फिलहाल अधिकमास चल रहा है.

पढ़ें- स्टेट GST टीम ने ओसवाल ग्रुप के 6 ठिकानों पर मारा छापा, करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी उजागर होने की संभावना

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि, अधिकमास के चलते इस बार एक माह लेट नवरात्रों का पूजन-अर्चन होंगे. इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएगी और नो स्वरूपों की पूजा नौ दिन तक की जाएगी. इस नवरात्र के दौरान 165 वर्षो में अधिकमास के बाद इस बार नवरात्रों का शुभारंभ होंगा. ठीक उसी प्रकार से 58 सालों के बाद गृह योग के तहत बुधादित्य योग भी नवरात्र के शुभारंभ पर बन रहा है. ऐसे योग से सम्पूर्ण संसार में सुख शांति, अमन-चैन का विस्तार होगा. साथ ही वैश्विक कोरोना महामारी पर भी इसका असर पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.