जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 22वीं बैठक में प्रदेश में मानसून की वर्तमान स्थिति और बाढ़ नियंत्रण के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा किया. इस दौरान सीएम गहलोत ने आन्ध्र प्रदेश की तर्ज पर कैचमेन्ट एरिया में छोटे-छोटे बांध बनाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में मानसून को देखते हुए अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां रखी जाएं. उन्होंने जयपुर, कोटा और अजमेर में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयारी रखने को कहा है.
3 जिलों में एनडीआरएफ, 20 जिलों एसडीआरएफ की तैनाती
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जयपुर शहर में जैसी जलभराव की स्थिति हुई थी, वैसी प्रदेश में टोंक को छोड़कर अन्य शहरों में नहीं है. बाढ़ एवं आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जयपुर में केन्द्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष और प्रदेश के सभी जिलों में भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. बाढ़ प्रबंधन के लिए सभी जिलों में फ्लड कंटीन्जेन्सी प्लान बनाया गया है. जयपुर, कोटा एवं अजमेर में एनडीआरएफ की तैनाती की गई है. प्रदेश के 20 जिलों में एसडीआरएफ तथा सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा बचाव दलों की तैनाती की गई है.
जिला कलक्टर्स को आवश्यकतानुसार नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवकों की अतिरिक्त तैनाती करने के लिए अधिकृत किया गया है. सेना से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि मौसम विभाग से प्राप्त चेतावनी एवं सूचना सभी जिला कलेक्टर्स को नियमित रूप से प्रेषित की जा रही है. बाढ़ बचाव एवं राहत कार्यों के लिए जिलों को उनकी मांग के अनुसार राशि का आवंटन किया जा रहा है.
एसडीआरएफ से विभिन्न विभागों और जिलों को आवंटित राशि का अनुमोदन
बैठक में कोविड-19 महामारी की रोकथाम और बचाव के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 15 मार्च के बाद लगातार जारी किए गए विभिन्न आदेशों का कार्योत्तर अनुमोदन भी किया गया है. कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव के लिए एसडीआरएफ से विभिन्न विभागों और जिलों को आवंटित राशि 386.85 करोड़ रुपए की राशि का अनुमोदन भी किया है. बैठक में बताया कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मास्क एवं पीपीई किट खरीदने के लिए 2.10 करोड़ तथा टेस्टिंग किट के लिए 35 करोड़ रूपए की राशि आवंटित की गई है.
इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग को वित्तीय वर्ष 2019-20 में लैब, वेंटिलेटर एवं अन्य उपकरणों की खरीद के लिए 62.15 करोड़ दिए गए हैं. वर्ष 2020-21 में एसएमएस मेडिकल कॉलेज में लैब, वेंटिलेटर एवं अन्य उपकरणों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 120 करोड़ रुपए, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर एवं एस.एन. मेडिकल कॉलेज, जोधपुर में कोबास-8800 मशीन स्थापित करने के लिए 13 करोड़ रुपए तथा अतिरिक्त लैब एवं जांच उपकरणों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को 49.12 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई हैं.
कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव के लिए विभिन्न विभागों एवं जिलों को भी आवंटित राशि का अनुमोदन किया गया. इसमें बेघर एवं प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत शिविर स्थापित करने एवं फूड पैकेट वितरण के लिए 98.38 करोड़ रूपए, अनटाइड फण्ड से जिला कलक्टर्स को 4.10 करोड़, मास्क, पीपीई किट एवं सेनेटाइजर आदि की खरीद के लिए राजस्थान पुलिस को 1.25 करोड़ तथा स्वायत्त शासन विभाग को 1.75 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन किया गया है. पीएम केयर फण्ड से प्रवासी श्रमिकों के कल्याण संबंधी गतिविधियों के लिए जिलों को आवंटित 35.70 करोड़ रुपए के बजट आवंटन को कार्याेत्तर अनुमोदन किया गया है.
किसानों के खातों में 739.32 करोड़ रुपए हस्तान्तरित
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि सूखा संवत 2076 में कृषि आदान-अनुदान मद में बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और हनुमानगढ़ जिले के फसल खराबे से प्रभावित 2 लाख 10 हजार 984 किसानों के खातों में 220.06 करोड़ रुपए हस्तान्तरित किए गए हैं. टिड्डियों के प्रकोप के कारण रबी संवत 2076 में फसल खराबे के लिए 8 जिलों के 77,593 किसानों के खातों में 129 करोड़ 51 लाख रुपए जमा कराए गए हैं.
सभी जिला कलक्टर्स को टिड्डी नियंत्रण के लिए किराये पर वाहन लेने, कीटनाशक छिड़काव एवं उपकरणों की खरीद के लिए 5.45 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया. पिछले साल आई बाढ़ से खरीफ सीजन की फसल में हुए खराबे के लिए 18 जिलाें के 17 लाख 89 हजार 839 किसानों के खातों में 739.32 करोड़ रुपए हस्तान्तरित किए गए. अधिकारियों ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण रबी संवत 2076 में फसलों को हुए नुकसान के लिए 15 जिलों के 85 हजार 506 किसानों के खातोें में 79.06 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई गई है.
अगले एक माह तक सक्रिय रहेगा मानसून
बैठक में मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक आर.एस. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक औसत सामान्य वर्षा से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई है. चुरू एवं नागौर में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है. आने वाले समय में प्रदेश में सामान्य बारिश रहने की संभावना है. अगले एक माह तक मानसून सक्रिय रहेगा. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने राज्य के प्रमुख बांधों में जल भराव की 16 अगस्त तक की स्थिति के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि राज्य के 22 बड़े बांधों में अपनी भराव क्षमता का 57.12 प्रतिशत पानी उपलब्ध है. बीसलपुर में क्षमता का 56 प्रतिशत, राणा प्रताप सागर में 73 प्रतिशत जबकि जवाहर सागर में 80 प्रतिशत पानी आया है.
बैठक में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अति. मुख्य सचिव गृह रोहित कुमार सिंह, अति. मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कृषि कुंजीलाल मीणा, प्रमुख शासन सचिव जल संसाधन नवीन महाजन, शासन सचिव स्वायत शासन भवानी सिंह देथा, सचिव आपदा प्रबंधन आशुतोष ए.टी. पेडणेकर, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.