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मनरेगा भुगतान के लिए सीएम गहलोत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र

सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार को मनरेगा के बजट को पास नहीं करने को लेकर पत्र लिखा है. जिसमें जल्द ही भुगतान करने की मांग की है. बता दें कि पत्र में भुगतान करने के लिए 601.65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया गया है. साथ ही बताया गया है कि श्रमिकों को 2 अक्टूबर 2019 से भुगतान नहीं हो पा रहा है.

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Published : Dec 30, 2019, 11:22 PM IST

Jaipur news, जयपुर की खबर
सीएम गहलोत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के लिए मनरेगा के तहत मानव दिवसों का सृजन ज्यादा करना गले की हड्डी बन गया है. केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा बजट जारी नहीं करने पर मुश्किलें खड़ी हो गई है. मनरेगा के बकाया भुगतान को लेकर पिछले एक साल से कभी मुख्य सचिव, कभी ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कभी डिप्टी सीएम सचिन पायलट, तो फिर इनके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्र लिखकर मनरेगा की बकाया धनराशि की मांग करते रहते है.

सीएम गहलोत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र

अब एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खत लिखा है. इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 19 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र भेज चुके है. मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिये मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए 601.65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है. साथ ही सामग्री मद के 1 हजार 26 करोड़ रुपये बकाया भी जल्द जारी करने का अनुरोध किया गया है.

पढ़ें- अलविदा 2019: जब जयपुर बना महाराष्ट्र कांग्रेस की राजनीति का केंद्र

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार से बजट प्राप्त नहीं होने के कारण श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान 2 अक्टूबर 2019 से नहीं हो पा रहा है. ऐसा होना अधिनियम के प्राधवानों की भावनाओं के विपरीत है और यह महात्मा गांधी मनरेगा योजना के अधिकार आधारित कार्यान्वयन के सिद्धांत का उल्लंघन है. गहलोत ने पत्र के जरिये यह भी बताया है कि राज्य में चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत 49.78 लाख परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है. साथ ही राज्य के अनुमोदित श्रम बजट 2300 लाख मानव दिवसों के विरूद्ध 2451.78 लाख मानव दिवसों का सृजन किया है.

पढ़ें- CM गहलोत के दौरे पर पूनिया ने कसा तंज, कहा- देर से आए और दुरुस्त भी नहीं आए

वहीं, गहलोत ने पत्र के जरिए ये भी बताया कि इस योजना के अन्तर्गत 5359 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके है. इससे पहले ईटीवी भारत ने भी खबर दिखाई थी कि किस तरह से मनरेगा के भुगतान समय पर नहीं आने से मनरेगा श्रमिकों में नाराजगी है. साथ ही मनरेगा अधिकारियों का फोन भी एक हेल्पलाइन बन गया है.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के लिए मनरेगा के तहत मानव दिवसों का सृजन ज्यादा करना गले की हड्डी बन गया है. केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा बजट जारी नहीं करने पर मुश्किलें खड़ी हो गई है. मनरेगा के बकाया भुगतान को लेकर पिछले एक साल से कभी मुख्य सचिव, कभी ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कभी डिप्टी सीएम सचिन पायलट, तो फिर इनके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्र लिखकर मनरेगा की बकाया धनराशि की मांग करते रहते है.

सीएम गहलोत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र

अब एक बार फिर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खत लिखा है. इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 19 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र भेज चुके है. मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिये मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए 601.65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है. साथ ही सामग्री मद के 1 हजार 26 करोड़ रुपये बकाया भी जल्द जारी करने का अनुरोध किया गया है.

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मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार से बजट प्राप्त नहीं होने के कारण श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान 2 अक्टूबर 2019 से नहीं हो पा रहा है. ऐसा होना अधिनियम के प्राधवानों की भावनाओं के विपरीत है और यह महात्मा गांधी मनरेगा योजना के अधिकार आधारित कार्यान्वयन के सिद्धांत का उल्लंघन है. गहलोत ने पत्र के जरिये यह भी बताया है कि राज्य में चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत 49.78 लाख परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है. साथ ही राज्य के अनुमोदित श्रम बजट 2300 लाख मानव दिवसों के विरूद्ध 2451.78 लाख मानव दिवसों का सृजन किया है.

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वहीं, गहलोत ने पत्र के जरिए ये भी बताया कि इस योजना के अन्तर्गत 5359 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके है. इससे पहले ईटीवी भारत ने भी खबर दिखाई थी कि किस तरह से मनरेगा के भुगतान समय पर नहीं आने से मनरेगा श्रमिकों में नाराजगी है. साथ ही मनरेगा अधिकारियों का फोन भी एक हेल्पलाइन बन गया है.

Intro:जयपुर
मनरेगा भुगतान के लिए सीएम गहलोत ने लिखा केंद्र सरकार को पत्र , बकाया बुगतान जल्द करने की मांग

एंकर:- प्रदेश की गहलोत सरकार के लिए मनरेगा के तहत मानव दिवसों का सृजन ज्यादा करना गले की हड्डी बन गया है। केंद्र सरकार की और मनरेगा बजट जारी नही करने पर मुश्किलें खड़ी हो गई है, मनरेगा के बकाया भुगतान के लेकर पिछले एक वर्ष से कभी मुख्य सचिव, कभी ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, कभी डिप्टी सीएम सचिन पायलट, तो फिर इनके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्र लिखकर मनरेगा की बकाया धनराशि की मांग करते रहते है।
अब एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को को खत लिखा है। इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट 19 दिसंबर को पत्र केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेज चुके है।
मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिये मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए 601.65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का अनुरोध किया है। साथ ही सामग्री मद के 1026 करोड़ रुपये बकाया भी जल्द जारी करने का अनुरोध किया गया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार से बजट प्राप्त नहीं होने के कारण श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान 2 अक्टूबर 2019 से नहीं हो रहा है। ऐसा होना अधिनियम के प्राधवानों की भावनाओं के विपरीत है और यह महात्मा गांधी नरेगा योजना के अधिकार आधारित कार्यान्वयन के सिद्धांत का उल्लंघन है।
गहलोत ने पत्र के जरिये यह भी बताया है कि राज्य में चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत 49.78 लाख परिवारों को रोजगार दिया जा चुका है। साथ ही राज्य के अनुमोदित श्रम बजट 2300 लाख मानव दिवसों के विरूद्ध 2451.78 लाख मानव दिवसों का सृजन किया है। इस योजनान्तर्गत 5359 करोड़ रुपये व्यय किये जा चुके है। इससे पहले ईटीवी भारत ने भी खबर दिखाई थी कि किस तरहं से मनरेगा के भुगतान समय पर नही आने से मनरेगा श्रमिकों में नाराजगी है साथ ही मनरेगा अधिकारियों का फोन भी एक हेल्पलाइन बन गया है , Body:VoConclusion:Vi
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